मानसून सीजन के पहले दौर में उफनाने लगी गंगा नदी, गंगा घाट किनारे के मंदिर डूबे
वाराणसी, 02 जुलाई (हि.स.)। पहाड़ों के साथ मैदानी भाग में भी रूक—रूक कर हो रही बारिश से गंगा नदी उफनाने लगी है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से वाराणसी में घाट की सीढ़ियां भी डूबने लगी हैं। घाट के सीढ़ियों से सटे छोटे—बड़े मंदिरों में भी गंगा की लहरें स
गंगा घाट किनारे का नजारा


वाराणसी, 02 जुलाई (हि.स.)। पहाड़ों के साथ मैदानी भाग में भी रूक—रूक कर हो रही बारिश से गंगा नदी उफनाने लगी है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से वाराणसी में घाट की सीढ़ियां भी डूबने लगी हैं। घाट के सीढ़ियों से सटे छोटे—बड़े मंदिरों में भी गंगा की लहरें समाने लगी हैं। बुधवार को गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार वाराणसी में बुधवार को गंगा 5.7 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। सुबह आठ बजे तक 62.28 मीटर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया। गंगा में बढ़ाव का रूख बना हुआ है।

वहीं, मंगलवार शाम 6 बजे गंगा का जलस्तर 61.95 मीटर रहा। हालांकि वाराणसी में फिलहाल बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है। वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर और खतरे का निशान 71.26 मीटर है। वाराणसी से सटे जौनपुर में गंगा का जलस्तर सुबह आठ बजे तक 66.73 मीटर दर्ज किया गया। वाराणसी और आसपास के जनपदों में गंगा में बढ़ाव का रूख देख जिला प्रशासन सतर्क है। गंगा किनारे एनडीआरएफ और जल पुलिस टीम भी निगरानी कर रही है। गंगा किनारे तुलसीघाट के आगे की मिट्टी और रेत गंगा में डूब गई है और अस्सी के सामने भी मिट्टी का दो तिहाई जमाव डूब गया है। भदैनी, जानकी घाट, केदार घाट, पंचगंगा घाट, ललिता घाट, मान सिंह, दरभंगा घाट की सीढि़यों तक पानी आ गया है।

गंगा में बढ़ाव का रूख देख मांझियों को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है। गंगा में तेजी से बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दशाश्वमेध घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती का स्थान बीते मंगलवार को ही बदल दिया गया। आरती को ऊपरी सीढ़ी पर किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले 10 दिनों से हो रही बारिश का असर गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में दिखने लगा है। जल पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें भी सतर्क हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत राहत कार्रवाई की जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी