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काठमांडू, 02 जुलाई (हि.स.)। नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा शुरू होने के पहले सप्ताह में ही करीब साढ़े पांच सौ भारतीय श्रद्धालु पवित्र कैलाश मानसरोवर का दर्शन करके वापस आ चुके हैं। पांच 5 सालों बाद यह यात्रा शुरू होने के कारण भारतीय श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
चीन प्रशासन की ओर से इस वर्ष जुलाई से अक्टूबर तक के महीने के लिए करीब 25 हजार भारतीय श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर आने की अनुमति दी गई है। कोरोना महामारी के बाद चीन सरकार ने नेपाल-चीन की सीमा से कैलाश मानसरोवर की यात्रा की अनुमति दी है।भारतीय श्रद्धालुओं के लिए हिलसा सीमकोट के रास्ते कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरु हुई है। 5 सालों के बाद यह यात्रा सुचारू होने के कारण भारतीय श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है।
नेपाल के पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अब तक हिलसा नाका होते हुए नेपाल के सिमकोट विमानस्थल से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वालों की संख्या 546 हो गई है। पिछले हफ्ते से शुरू हुई इस धार्मिक यात्रा में अब तक 248 महिला एवं 298 पुरुष यानी कुल 546 भारतीय श्रद्धालुओं कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर चुके हैं। नेपाल की विभिन्न घरेलू विमान कंपनियां नेपालगंज से सिमकोट होते हुए हिल्सा पहुंचने तक के लिए मौसम के अनुकूल होने पर दिन भर में एक दर्जन से अधिक विमानों का संचालन कर रही हैं।
इसके अलावा हेलीकॉप्टर के माध्यम से करीब 289 लोग कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए हैं। इसी तरह सैकड़ों की संख्या में भारतीय श्रद्धालु सड़क मार्ग से भी कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जा रहे हैं। एक जुलाई को ही नेपालगंज से सिमकोट जाने वाले विमान के माध्यम से करीब 103 भारतीय श्रद्धालु कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर गए हैं। इस समय नेपाल की समिट एयर, सीता एयर तथा तारा एयर कंपनियां नेपालगंज से सिमकोट तक विमान का संचालन कर रही हैं। सिमकोट विमानस्थल से हिलसा तक जाने के लिए इस समय कैलाश हेली सेवा, माउंटेन हेली तथा प्रभु एयरलाइंस के हेलीकॉप्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास