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शिमला, 02 जुलाई (हि.स.)। राजधानी शिमला के भट्टाकुफर में पांच मंजिला भवन गिरने के मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है। जहां पहले एनएचएआई अधिकारी अचल जिंदल की शिकायत पर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ मारपीट की एफआईआर दर्ज की गई थी, वहीं अब पुलिस ने एनएचएआई अधिकारी अचल जिंदल के खिलाफ भी दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं। शिकायतकर्ताओं ने इन दोनों अधिकारियों पर दुर्व्यवहार, रास्ता रोकने और गाली-गलौच का आरोप लगाया है।
शिमला की ढली थाना पुलिस ने स्थानीय निवासियों की शिकायतों के आधार पर ये एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर के अनुसार संजय वन भट्टाकुफर के आठ निवासियों अनिल कुमार, हेत राम ठाकुर, सुरेंद्र चौहान, केआर मेहता, अनिल वर्मा, सोहन ठाकुर, राजेश ठाकुर और अशोक राजटा ने एक संयुक्त शिकायत में आरोप लगाया है कि 29 जून को अचल जिंदल और इंजीनियर योगेश ने उनका रास्ता रोका और अपशब्द कहे। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि एनएचएआई के गैर-जिम्मेदाराना कार्यों के कारण उनका घर खतरे में आ गया है और कॉलोनी में एक मकान गिर चुका है।
इसी तरह दूसरी एफआईआर निहाल ठाकुर नामक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज की गई है। इसमें भी वही आरोप दोहराए गए हैं कि अचल जिंदल और योगेश ने रास्ता रोकने के साथ-साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
इसके अलावा एक अन्य एफआईआर में शिकायतकर्ताओं बृज लाल, निशांत, चंदा देवी, रीना रपटा, चेतन चौहान, प्रदीप, अशोक राजटा और संजीव ने आरोप लगाया है कि एनएचएआई द्वारा फोरलेन निर्माण कार्य में बरती गई लापरवाही के कारण रंजना वर्मा समेत कई अन्य लोगों के मकानों को नुकसान पहुंचा है। शिकायत में कहा गया है कि बार-बार आग्रह के बावजूद भी कटाव का कार्य नहीं रोका गया, जिससे उन्हें अपने घर खाली करने पड़े हैं और रहने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई।
गौरतलब है कि बीते एक जुलाई को एनएचएआई अधिकारी अचल जिंदल की शिकायत पर मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ मारपीट और दुर्व्यवहार की एफआईआर दर्ज की गई थी। अब उसी मामले में एनएचएआई अधिकारियों पर भी स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे यह मामला और अधिक पेचीदा हो गया है। पुलिस सभी पक्षों की शिकायतों पर कार्रवाई कर रही है और जांच जारी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा