Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जम्मू , 2 जुलाई (हि.स.)। 14 बीजेपी विधायकों ने सीएम उमर अब्दुल्ला से की मुलाकात अन्य दो मुद्दों के साथ नायब तहसीलदार पद के लिए उर्दू को अनिवार्य बनाने पर जोर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें विधान सभा के 14 सदस्य (विधायक) शामिल हैं ने श्रीनगर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से उनके कार्यालय में मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव डॉ. नरिंदर सिंह, भाजपा उपाध्यक्ष शाम लाल शर्मा, युद्धवीर सेठी और शक्ति परिहार, महासचिव डॉ. डी.के. शामिल थे। मन्याल, और विधायक चंद्र प्रकाश गंगा, बी.एस. मनकोटिया, पवन गुप्ता, विक्रम रंधावा, प्रोफेसर घारू राम, बलदेव शर्मा, सतीश शर्मा, डॉ. सुनील भारद्वाज और सुरिंदर भगत ने हाल के प्रशासनिक फैसलों पर कड़ी आपत्ति जताई, जिससे जनता में व्यापक चिंता पैदा हो गई है। चर्चा में सबसे आगे वह विवादास्पद और विभाजनकारी विज्ञापन था जिसमें नायब तहसीलदार के पद के लिए उर्दू को अनिवार्य योग्यता बताया गया था।
भाजपा नेताओं ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे प्रतिगामी, बहिष्करणकारी और संविधान में निहित भाषाई विविधता की भावना के सीधे विरोधाभासी बताया खासकर जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा अधिनियम 2020 के तहत जम्मू-कश्मीर में पांच आधिकारिक भाषाओं यानी हिंदी, डोगरी, अंग्रेजी, उर्दू और कश्मीरी को मान्यता देने के बाद।
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट रूप से कहा कि उर्दू को अनिवार्य योग्यता के रूप में लागू करना जम्मू क्षेत्र और अन्य जगहों के युवाओं के एक महत्वपूर्ण हिस्से के खिलाफ प्रणालीगत भेदभाव है जिन्होंने भाषा का अध्ययन नहीं किया है। इस धारा में हजारों योग्य और मेधावी लोगों को वंचित करने की क्षमता है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता