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रायगढ़ 18 जुलाई (हि.स.)। नगर सरकार के तमाम दावों के बावजूद रायगढ़ शहर एक बार फिर स्वच्छता रैंकिंग में पिछड़ गया है। 2024 के स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर को 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 56वां स्थान मिला है। इसका मुख्य कारण गारबेज फ्री सिटी (जीएफसी) का लक्ष्य पूरा न हो पाना और नालों से बहने वाले गंदे पानी का समुचित ट्रीटमेंट न हो पाना बताया जा रहा है।
नगर निगम कमिश्नर बृजेश सिंह क्षत्रिय ने आज गुरुवार काे चर्चा में यह बात माना कि यदि ये दोनों प्रमुख बिंदु सुधर जाते, तो रैंकिंग और बेहतर हो सकती थी। हालांकि, वर्ष 2023 की तुलना में इस बार शहर ने कुछ सुधार जरूर किए हैं। पिछली बार जहां रायगढ़ को 96वां स्थान मिला था, वहीं इस बार 40 अंकों का उछाल दर्ज किया गया है।
गुरुवार काे जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के आंकड़ों के अनुसार, 12000 में से रायगढ़ को 9765 अंक मिले। जबकि 2023 में यह आंकड़ा 8490 था। लेकिन ‘कचरा मुक्त शहर’ के लिए निर्धारित 1300 अंकों में से नगर निगम केवल 500 अंक ही प्राप्त कर सका। गंदा पानी अब भी सीधे नालों में बह रहा है, जिससे 550 अंक का नुकसान हुआ।
शहर में भले ही हर घर से रोजाना कचरा संग्रहण का दावा किया जाता है, लेकिन कई इलाकों में अब भी कचरे के ढेर और गंदगी साफ देखी जा सकती है। वहीं पब्लिक टॉयलेट की साफ-सफाई भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। ये सभी कारक रैंकिंग में गिरावट के प्रमुख कारण बने।
कमिश्नर ने बताया कि अब निगम इन कमजोरियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाएगा। गंदे पानी के ट्रीटमेंट प्लांट का प्रभावी उपयोग किया जाएगा और जीएफसी के मानकों पर सख्ती से काम किया जाएगा ताकि आने वाले सर्वेक्षण में शहर की रैंकिंग में सुधार हो सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान