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कोलकाता, 18 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पश्चिम बर्दवान के दुर्गापुर में होने वाली अहम चुनावी रैली से कुछ घंटे पहले तृणमूल कांग्रेस ने उन पर तीखा हमला बोला है। पार्टी ने प्रधानमंत्री से पांच सीधे सवाल पूछते हुए भाजपा शासित राज्यों में बंगालियों के साथ हो रहे कथित भेदभाव और उत्पीड़न को लेकर जवाब मांगा है।
तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार दोपहर एक आधिकारिक बयान जारी किया, जिसे पार्टी के ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर साझा किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए लिखा गया, “हेलिकॉप्टर-गिरी फिर शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दुर्गापुर में रैली करने जा रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वह इस मौके का इस्तेमाल कुछ सीधे सवालों के जवाब देने के लिए भी करेंगे।”
तृणमूल ने पहला सवाल करते हुए पूछा—क्या बांग्ला बोलना अपराध है? और अगर है, तो क्या राष्ट्रगान और वंदे मातरम गाने के कारण प्रधानमंत्री भी अपराधी माने जाएंगे, क्योंकि ये दोनों रचनाएं बांग्ला में लिखी गई हैं?
तीसरे सवाल में पार्टी ने पूछा—अगर बांग्ला बोलना अपराध नहीं है, तो फिर भाजपा शासित राज्यों में बांग्लाभाषी नागरिकों को क्यों हिरासत में लिया जा रहा है और निर्वासित किया जा रहा है?
चौथे सवाल में तृणमूल ने प्रधानमंत्री से पूछा कि संविधान की कौन-सी धारा इस तरह की राज्य प्रायोजित भाषा आधारित प्रताड़ना की इजाजत देती है?
अंतिम सवाल में पार्टी ने चुनौती देते हुए कहा—क्या भाजपा वास्तव में मानती है कि इस तरह के व्यवहार से वह बंगाल की जनता का जनादेश प्राप्त कर पाएगी?
इसी के साथ तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार शाम किए गए उस पोस्ट पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने तृणमूल शासन को ‘कुशासन’ करार दिया था और दावा किया था कि बंगाल की जनता अब विकास के लिए भाजपा की ओर देख रही है।
जवाब में तृणमूल ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ जुटाने के लिए भाजपा बिहार, झारखंड और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों से लोगों को बसों में भरकर ला रही है। तृणमूल ने लिखा, “हमें उम्मीद है कि आपने एक बार फिर भीड़ जुटाने के लिए पड़ोसी राज्यों से बसें मंगवा ली हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री के सामने खाली कुर्सियों की कतारें अच्छी तस्वीर नहीं बनातीं। शुभकामनाएं—कम से कम दिलों को नहीं, तो कुर्सियों को भरने के लिए।”
गौरतलब है कि दुर्गापुर की यह रैली भाजपा की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तृणमूल शासन पर निशाना साधते हुए केंद्र की उपलब्धियों को गिनाने वाले हैं। वहीं तृणमूल कांग्रेस पहले ही भाजपा के हर दावे को चुनौती देने की रणनीति पर काम कर रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर