भूस्खलन की जद में उप जिला अस्पताल का भवन
रानीखेत, 17 जुलाई (हि.स.)। एक साल पहले भूस्खलन की चपेट में आने से खतरे की जद में आए अस्पताल भवन की सुरक्षा के लिए अभी तक सुरक्षात्मक कार्य नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लोगों ने शासन से इसे लेकर शीघ्र सुरक्षात्मक कार्य कराने की मांग की हैं। साल 2024 में
रानीखेत उप जिला अस्पताल भवन


रानीखेत, 17 जुलाई (हि.स.)। एक साल पहले भूस्खलन की चपेट में आने से खतरे की जद में आए अस्पताल भवन की सुरक्षा के लिए अभी तक सुरक्षात्मक कार्य नहीं हो पाए हैं। ऐसे में लोगों ने शासन से इसे लेकर शीघ्र सुरक्षात्मक कार्य कराने की मांग की हैं।

साल 2024 में उप जिला अस्पताल परिसर की सुरक्षा दीवार गिरने से भूस्खलन की चपेट में आ गया था। इसके बाद भी अब तक विभाग को ओर से अब तक सुरक्षात्मक कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से अस्पताल भवन को खतरा बना हुआ है। बीते वर्ष सितंबर में भारी बारिश के चलते अस्पताल के पीछे भी जबरदस्त भूस्खलन हुआ था।

ऐसे में देवदार और बांज के पेड़ गिर गए थे जिससे जमीन खिसकने लगी। हालात ऐसे बने कि अस्पताल को सील कर बंद करना पड़ा। उस समय अस्पताल में भर्ती 21 मरीजों को तीमारदारों ने निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया था। दरअसल खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अस्पताल के एक हिस्से को बंद कर दिया था।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों ने अस्पताल भवन की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। प्रशासन की ओर से जिला योजना के तहत सुरक्षा दीवार के लिए धन स्वीकृत तो हो गया है लेकिन अभी तक बजट पारित नहीं हुआ। ऐसे में दीवार निर्माण का कार्य अधर में लटका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जल्द सुरक्षा दीवार नहीं बनी तो बरसात में अस्पताल भवन को गंभीर नुकसान हो सकता है।

रानीखेत के संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल आनंद कहते हैं कि आपदा मद से सुरक्षा दीवार नहीं बन पाईं। इसके बाद जिला योजना में मामला शामिल किया गया। 30 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत हुईं हैं। बजट पारित होते ही जन कार्य शुरु कर दिए जाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI