मध्य प्रदेश के 29वें मुख्य न्यायाधीश बने संजीव सचदेवा, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
भोपाल, 17 जुलाई (हि.स.)। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा मध्य प्रदेश के 29वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। उन्होंने गुरुवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। भोपाल स्थित राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित एक सादे समारो
राजभवन में म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति का शपथ ग्रहण समारोह


राजभवन में म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति का शपथ ग्रहण समारोह


राजभवन में म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति का शपथ ग्रहण समारोह


राजभवन में म.प्र. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति का शपथ ग्रहण समारोह


भोपाल, 17 जुलाई (हि.स.)। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा मध्य प्रदेश के 29वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। उन्होंने गुरुवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ले ली है। भोपाल स्थित राजभवन के सांदीपनि सभागार में आयोजित एक सादे समारोह में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश विवेक अग्रवाल और सरकार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने किया। समारोह में मुख्य सचिव जैन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति से केन्द्र सरकार द्वारा जारी वह अधिसूचना पढ़कर सुनाई, जिसमें न्यायमूर्ति सचदेवा को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की घोषणा की गई थी। न्यायमूर्ति सचदेवा मई माह से मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

गौरतलब है कि दो माह पहले केंद्रीय कानून विभाग ने न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा को 24 मई 2025 को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। वे तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के सेवानिवृत्त होने के बाद से उक्त दायित्व संभाल रहे हैं। इससे पहले भी वे 9 जुलाई 2024 से 24 सितंबर 2024 तक प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का दायित्व संभाल चुके हैं।

संजीव सचदेवा का जन्म 26 दिसंबर 1964 को दिल्ली में हुआ था। दिल्ली से ही उन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएट किया। साल 1988 में वे दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए और 1995 में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के रूप में योग्यता प्राप्त की। उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से लेकर दिल्ली, रांची समेत दूसरे शहरों में वकीलों को प्रशिक्षण भी दिया। 20 साल तक सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया के स्थायी वकील रहे। साल 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। फिर 18 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर