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पश्चिम सिंहभूम, 17 जुलाई (हि.स.)। जिले की ऐतिहासिक खेल संस्था सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन (एसएसए) में वर्षों से चल रही अनियमितताओं, चुनाव नहीं होने और खेल मैदान में व्याप्त बदहाली को लेकर अब विरोध तेज़ हो गया है। गुरुवार को एंटी करप्शन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष रामहरि गोप ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर एसएसए की मौजूदा तदर्थ समिति को अवैध घोषित कर उसे तत्काल भंग करने की मांग की है।
रामहरि गोप ने अपने पत्र में लिखा है कि एसएसए का आखिरी वैध चुनाव साल 2008 में संपन्न हुआ था। इसके बाद से आज तक किसी प्रकार का लोकतांत्रिक निर्वाचन नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ विशेष लोगों का लंबे समय से एसोसिएशन पर एकतरफा नियंत्रण बना हुआ है, इससे न केवल खेल गतिविधियों का विकास रुका है, बल्कि खिलाड़ियों को भी उपेक्षा और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।
खेल मैदान की दुर्दशा और अवैध कब्जा
गोप ने बताया कि एसएसए के अंतर्गत आने वाले मैदानों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। साथ ही, स्टेडियम परिसर में कई अवैध दुकानों का निर्माण किया गया है, जिन्हें कथित रूप से गुपचुप ढंग से आवंटित भी किया गया है। जब इस मामले में शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने स्टेडियम गेट को सील किया तो राजनीतिक दबाव में अगले ही दिन गेट दोबारा खोल दिया गया। इससे अवैध कब्जाधारियों को राहत मिल गई।
आंदोलन की चेतावनी
रामहरि गोप ने चेतावनी दी है कि यदि एसएसए की व्यवस्था में शीघ्र सुधार नहीं किया गया और निष्पक्ष चुनाव के जरिए नयी कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ, तो खिलाड़ी और सामाजिक संगठन राजधानी रांची में आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि यह स्थिति राज्य सरकार की खेल नीति की साख पर भी गंभीर सवाल खड़ा कर रही है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि एसएसए जैसे महत्वपूर्ण खेल संगठन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सरकारी स्तर पर हस्तक्षेप करते हुए तदर्थ समिति को समाप्त कर, स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया की पहल की जाए।
खेलप्रेमियों और खिलाड़ियों ने भी एसएसए में सुधार की इस मांग का समर्थन करते हुए उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द इस मामले में हस्तक्षेप करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक