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जयपुर, 17 जुलाई (हि.स.)। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जयपुर में नवनियुक्त चिकित्सकों एवं कर्मचारियों के लिए सरकारी कार्य प्रणाली, आचार-विचार, प्रशासनिक प्रक्रिया एवं कार्यकुशलता को समझने के लिए इंडक्शन कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्देश्य संस्थान में नवनियुक्त अधिकारियों को सरकारी कार्यों की प्रक्रिया से अवगत कराना एवं उनके व्यावसायिक कौशल का विकास करना है।
गुरुवार को आयोजित सत्र में राजस्थान के महालेखाकार राम अवतार शर्मा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए प्रभावी कम्युनिकेशन स्किल्स और निरंतर सीखते रहने की महत्ता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि “सरकारी सेवा में पारदर्शिता, संप्रेषण क्षमता और सकारात्मक सोच आवश्यक तत्व हैं। अपने विचारों को सही तरीके से प्रस्तुत करना और टीम भावना के साथ काम करना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।”
इस अवसर पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा कि “कम्युनिकेशन स्किल्स आज के समय में किसी भी पेशे के लिए अत्यंत आवश्यक हो गई हैं। विशेष रूप से चिकित्सा क्षेत्र में यह रोगी से संवाद और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की नींव है। एक सक्षम चिकित्सक वही है जो न केवल उपचार करता है, बल्कि अपने शब्दों से भी रोगी को आश्वस्त कर सके।”
ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर राहुल अग्रवाल ने बताया प्रशिक्षण कार्यशाला में संस्थान के संयुक्त निदेशक जय प्रकाश शर्मा, उपनिदेशक चंद्रशेखर शर्मा एवं प्रशासनिक अधिकारी मोहनलाल मीणा ने नवनियुक्त चिकित्सकों और कर्मचारियों को संस्थान की कार्यप्रणाली, प्रशासनिक ढांचे, फाइल प्रक्रिया, अनुशासन एवं सरकारी दायित्वों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यशाला को कॉर्डिनेट राहुल अग्रवाल ने किया।
इस इंडक्शन कोर्स से नव नियुक्त कर्मचारियों में कार्य के प्रति जागरूकता, उत्तरदायित्व की समझ और संस्थागत संस्कृति के प्रति आत्मसात की भावना विकसित हो रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश