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जयपुर, 17 जुलाई (हि.स.)। राजधानी जयपुर की स्वच्छता रैकिंग में बड़ा सुधार देखने को मिला है। ग्रेटर और हेरिटेज निगम पहली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप-20 शहरों में शामिल हुआ है। वहीं स्वच्छता सर्वेक्षण में डूंगरपुर देशभर के 20 से 50 हजार की आबादी वाले शहरों की स्वच्छ सुपर लीग में शामिल हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 का अवॉर्ड फंक्शन गुरुवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देशभर में अवॉर्ड जीतने वाले शहरों के प्रतिनिधियों को अलग-अलग अवॉर्ड से नवाजा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद रहे। यह पुरस्कार यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा और ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने प्राप्त किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रेटर निगम को देशभर में 16वीं तो हेरिटेज निगम को 20वीं रैंक हासिल हुई है। जयपुर के दोनों निगमों को 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में यह सम्मान मिला है। राजस्थान में स्वच्छता रैंकिंग में डूंगरपुर को प्रदेश का सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा दिया गया है। इसके बाद ग्रेटर निगम को दूसरा और हेरिटेज निगम को तीसरा स्थान मिला है। उदयपुर को चौथी, सीकर को पांचवीं, जैसलमेर को छठी, भरतपुर को सातवीं, चूरू को आठवीं, नाथद्वारा को नवीं और पुष्कर को दसवीं रैंक मिली है।
प्रदेश में प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर का अवॉर्ड ग्रेटर निगम को दिया गया। रेजिडेंशियल एरिया में सफाई के मिले 100 प्रतिशत अंक स्वच्छ सर्वेक्षण में ग्रेटर निगम को 3 स्टार रेटिंग मिली है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में 91 प्रतिशत, सेग्रीगेशन (कचरा अलग-अलग करना) में 89 प्रतिशत, वेस्ट जेनरेशन और प्रोसेसिंग में 75 प्रतिशत अंक मिले हैं। रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल एरिया में सफाई के मामले में ग्रेटर को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं। हेरिटेज निगम को भी 3 स्टार रेटिंग से नवाजा गया है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में 91 प्रतिशत, सेग्रीगेशन में 50 प्रतिशत, वेस्ट जेनरेशन और प्रोसेसिंग में 86 प्रतिशत अंक मिले। रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल एरिया में सफाई के मामले में हेरिटेज को 100 प्रतिशत अंक मिले हैं।
इस बार हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में ग्रेटर और हेरिटेज निगम ने वेस्ट टू एनर्जी प्लांट, कंस्ट्रक्शन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट की शुरुआत कर दी थी। जो इस सर्वे में निगम के अंकों में बढ़ोतरी के लिए अहम रहा। ग्रेटर की पूर्व कमिश्नर रुक्मणी रियाड और हेरिटेज कमिश्नर अरुण कुमार हसीजा की मॉनिटरिंग में सर्वे का काम पूरा करवाया गया। दोनों ने शहर में मुख्य सड़कों के अलावा ओपन कचरा डिपो खत्म करने पर फोकस किया। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन और नाइट स्वीपिंग के जरिए सड़कों पर सफाई व्यवस्था को बेहतर करने पर ज्यादा ध्यान दिया था। इस वजह से ग्रेटर और हेरिटेज दोनों पहली बार देश के टॉप-20 शहरों में शामिल हुए हैं।
जयपुर शहर में सीवरेज और नाला सफाई करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए नगर निगम की ओर से पर्याप्त संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। इस बात के भी अंक स्वच्छ सर्वेक्षण में दिए गए हैं। आमजन को सफाई के लिए अभियान चलाकर किया जागरूक केंद्र सरकार की ओर से देशभर में स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत अलग-अलग स्तर पर सर्वे किया गया था। शहर की सफाई व्यवस्था, सौंदर्यीकरण, कचरे का निष्पादन, शौचालय की व्यवस्था और आमजन में सफाई को लेकर जागरूकता प्रमुख आधार थे। इन्हीं आधार पर केंद्र के अधिकारियों ने निरीक्षण के बाद अलग-अलग जिलों को रैंकिंग दी। स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों की सूची में हेरिटेज और ग्रेटर निगम की देशभर में क्रमश: 171वीं और 173वीं रैंक थी।
डूंगरपुर को मिला सुपर स्वच्छ लीग सिटी का अवॉर्ड
राजस्थान के सबसे स्वच्छ शहर डूंगरपुर ने स्वच्छता के क्षेत्र में एक बार फिर परचम लहराया है। राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में राजस्थान से एक मात्र डूंगरपुर नगर परिषद को सुपर स्वच्छ लीग सिटी का अवॉर्ड मिला। प्रदेश के स्वायत्त शासन मंत्री झाबरसिंह खर्रा, डूंगरपुर सभापति अमृत कलासुआ और आयुक्त सांवरमल आबासरा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया। गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में डूंगरपुर शहर पिछले 5 साल से लगातार अलग - अलग श्रेणी के राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल करता आया है। इधर सभापति और उनकी टीम पुरस्कार लेकर दिल्ली से शुक्रवार को डूंगरपुर लौटेगी। टीम के लौटने पर शहर में सम्मान यात्रा निकाली जाएगी। डूंगरपुर ने अब तक 5 अवॉर्ड जीते डूंगरपुर शहर ने वर्ष 2018 में पहली बार स्वच्छता सर्वेक्षण में भाग लिया था। नगरपरिषद के तत्कालीन सभापति केके गुप्ता ने शहर को स्वच्छ सर्वेक्षण में अव्वल लाने की कवायद शुरू की। वर्ष 2019 और 2020 के स्वच्छ सर्वेक्षण में डूंगरपुर राजस्थान में अव्वल रहा, जबकि 2021 में डूंगरपुर पूरे देश में छोटे शहरों में सबसे साफ शहर का खिताब जीतने में कामयाब रहा।
जनसंख्या के आधार पर वर्गीकरण
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में पहली बार शहरों को जनसंख्या के आधार पर पांच श्रेणियों में बाटा गया। बहुत छोटे शहर: 20,000 से कम जनसंख्या छोटे शहर: 20,000 - 50,000 जनसंख्या मध्यम शहर: 50,000 - 3 लाख जनसंख्या बड़े शहर: 3 - 10 लाख जनसंख्या महानगर: 10 लाख से अधिक जनसंख्या।
हेरिटेज निगम महापौर कुसुम यादव के अनुसार पिछले वर्ष की तुलना में इस बार हेरिटेज निगम ने स्वच्छता में अच्छी रैंक हासिल की है। ये सफलता हमारे शहरवासियों, स्वच्छता प्रहरियों और निगम प्रशासन की मेहनत का नतीजा है। हमें यहीं नहीं रुकना है, अगली बार जयपुर को स्वच्छता में प्रथम बनाना है। जयपुर अब जागरूक हो रहा है। हम सभी के सहयोग से शहर को सफाई में अव्वल बनाएंगे।
ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर ने कहा कि यह सम्मान जयपुरवासियों के नाम समर्पित करती हूं। यह पुरस्कार हमारे समर्पित स्वच्छता योद्धाओं, निगम की टीम, कर्मठ अधिकारियों और हर उस नागरिक का है, जिसने शहर को स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया। जयपुर ग्रेटर का पहली बार टॉप 20 में आना यह साबित करता है कि यदि नागरिक आगे आएं तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। हमारा संकल्प है कि अगली बार जयपुर ग्रेटर देश के शीर्ष 10 स्वच्छ शहरों में स्थान पाए। हम जयपुर को और अधिक स्वच्छ, हरित और संगठित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह उपलब्धि नगर निगम की स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता, नागरिक सहभागिता एवं सतत शहरी विकास की दिशा में किए गए सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश