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बरेली, 17 जुलाई (हि.स.) । रामगंगा नगर स्थित शिवांश एफएमसीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (SIB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी बिलिंग और टैक्स चोरी के एक बड़े खेल का खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि कंपनी ने बिना माल की हेरा-फेरी कर कागजों पर करोड़ों का कारोबार दिखाया और जीएसटी में 4 करोड़ से अधिक की चोरी को अंजाम दिया।
ई-वे बिल पर सिगरेट और पान मसाला, ट्रक निकले खाली
जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आईं। 12 जुलाई को 6.31 करोड़ रुपये की सिगरेट दिल्ली से बरेली आने का ई-वे बिल बनाया गया, लेकिन ट्रक खाली था। 13 जुलाई को फिर उसी ट्रक से 94.82 लाख का रजनीगंधा दिल्ली भेजने का बिल काटा गया — ट्रक इस बार भी खाली निकला।
14 जुलाई को नोएडा की सचल टीम ने बुलंदशहर के पास टोल प्लाजा पर जब गाड़ी को पकड़ा, तो साफ हो गया कि ये पूरा खेल कागजों पर ही चल रहा था।
सिर्फ कागजों पर कंपनी, कारोबार शून्य
एसबीआई के डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह के नेतृत्व में हुई छापेमारी में पता चला कि शिवांश एफएमसीजी का सारा संचालन कागजों तक ही सीमित था। कंपनी दिल्ली की फर्जी फर्मों से इनवॉइसिंग कर ITC रिफंड का गलत फायदा उठा रही थी।
ट्रकों को जानबूझकर टोल प्लाजा से गुजारा जाता था ताकि सिस्टम में फर्जी एंट्री बनी रहे और असली माल की जगह सिर्फ दिखावा चलता रहे।
2.52 करोड़ की वसूली, एफआईआर दर्ज
पूछताछ में कंपनी के डायरेक्टर युगांस बिसारिया ने गड़बड़ी कबूल की और मौके पर ही 2.52 करोड़ रुपये जमा कराए। इसके बाद राज्य कर विभाग ने युगांस बिसारिया (निवासी: रामगंगा नगर कॉलोनी) और उनके सहयोगी गौरव अग्रवाल (निवासी: प्रेमनगर) के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है।
अभी कई नामों से उठेगा पर्दा
विभागीय सूत्रों की मानें तो यह सिर्फ शुरुआत है। रैकेट से जुड़ी अन्य कंपनियों और लोगों की भी जांच की जा रही है। जल्द ही और बड़े नाम सामने आने की संभावना है।
कर चोरी के इस खेल ने एक बार फिर दिखा दिया कि फर्जी बिलिंग से कैसे टैक्स प्रणाली को चूना लगाया जा रहा है। राज्य कर विभाग की ये कार्रवाई आने वाले समय में ऐसे घोटालों पर लगाम लगाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।
आशीष निरंजन, एडिशन कमिश्नर एसआइबी ग्रेड -2 ने बताया कि जीएसटी रिटर्न पाने के लिए फर्म संचालक करोड़ों रुपये के पान मसाला व तंबाकू उत्पादों की खरीद व बिक्री दर्शाते थे, इस मामले के लिए टीमों को लगाया था, आरोपितों का ट्रक नोएडा में पकड़ा गया, जो ख़ाली था फ़र्ज़ी तौर से ई-वे बिल बनाकर बरेली से ख़ाली ट्रक दौड़ाया जाता था। इस मामले में आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत कराई गई।
हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार