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जम्मू, 17 जुलाई (हि.स.)। पारिस्थितिक संतुलन और सतत जीवन को बढ़ावा देने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए चिनाब ब्रिगेड ने वन सुरक्षा बल जे-2, सिधरा, जम्मू के उप निदेशक के साथ मिलकर आर्मी पब्लिक स्कूल दोमाना में एक सफल वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया।
एक पेड़ माँ के नाम विषय के अंतर्गत इस पहल का उद्देश्य प्रकृति के पोषण और एक हरित, स्वस्थ ग्रह की दिशा में ठोस कदम उठाने के महत्व के बारे में छात्रों में जागरूकता बढ़ाना था। यह अभियान एपीएस दोमाना के अध्यक्ष ब्रिगेडियर कुमार आनंद के कुशल नेतृत्व में शुरू हुआ जिन्होंने वन सुरक्षा बल जे-2 सिधरा जम्मू के उप निदेशक अनवर आफताब शाह और श्रीमती नसरीन शाह का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में श्रीमती सुरभि आनंद, एफडब्ल्यूओ चिनाब ब्रिगेड, श्रीमती पुष्पिंदर कौर प्रधानाचार्य एपीएस दोमाना, कर्नल भव्य कुलश्रेष्ठ, श्रीमती शालिनी माथुर और अक्षिता आनंद शामिल थीं।
गणमान्य व्यक्तियों ने कक्षा एक से छठी तक के उत्साही विद्यार्थियों सैयद अनवर शाह (आईवीए), मिहिका सिंह (आईवीबी), लक्ष्य (वीबी), गुरवंश कुमार (वीसी), लावण्या (वीसी), अथर्व शर्मा (वीडी) और सुषमा परिहार पीआरटी के साथ मिलकर पीपल, रुद्राक्ष, आंवला, अर्जुन, बेल जैसी विभिन्न देशी प्रजातियों के पौधे लगाए जिससे हरियाली बढ़ाने में योगदान मिला। ये पौधे अतिथियों और विद्यार्थियों की उत्कीर्ण नाम-पट्टिकाओं के साथ इस सोच के साथ लगाए गए कि जब विद्यार्थी बड़े होंगे, तो पेड़ भी बड़े होंगे। इस हरियाली भरी पहल ने न केवल स्कूल परिसर को हरे-भरे पौधों से सजाया बल्कि विद्यार्थियों में प्रकृति के प्रति एक स्थायी जिम्मेदारी की भावना भी भर दी।
अपने भावपूर्ण संबोधन में अध्यक्ष एपीएस दोमाना ने ज़ोर देकर कहा कि वृक्षारोपण अभियान केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं है यह छात्रों में पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी की संस्कृति का पोषण करने के बारे में है। हम चाहते हैं कि छात्र यह समझें कि लगाया गया प्रत्येक पौधा भविष्य के लिए एक प्रतिबद्धता है। वन सुरक्षा बल के उप निदेशक अनवर आफ़ताब शाह ने जलवायु परिवर्तन को कम करने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में वृक्षों की अपरिहार्य भूमिका पर ज़ोर दिया। एपीएस दोमाना की प्रधानाचार्या श्रीमती पुष्पिंदर कौर का मानना है कि यह वृक्षारोपण पौधों को संरक्षित रखने और छात्रों में प्रकृति के प्रति ज़िम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि इसके बाद इन पौधों की देखभाल ज़रूर की जाएगी। कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और आने वाले समय में ऐसे पर्यावरण-जागरूक उपक्रमों को जारी रखने के सामूहिक संकल्प के साथ हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह