मध्यस्तता कार्यक्रम में अधिक से अधिक मामलों का कराएं निष्पादन : पीडीजे
खूंटी, 16 जुलाई (हि.स.)। व्यवहार न्यायालय में 90 दिवसीय राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान को लेकर बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष रषिकेश कुमार की अध्यक्षता में प्रधान जिला जज के वैशम ने बैठक आयोजित की। सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थत
राष्ट्र के लिए मध्यस्थता कार्यक्रम में अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन करायें : पीडीजे


खूंटी, 16 जुलाई (हि.स.)। व्यवहार न्यायालय में 90 दिवसीय राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान को लेकर बुधवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा अध्यक्ष रषिकेश कुमार की अध्यक्षता में प्रधान जिला जज के वैशम ने बैठक आयोजित की।

सुप्रीम कोर्ट की मध्यस्थता और सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के निर्देश पर झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में 90 दिवसीय राष्ट्रीय मतदाता अभियान के तहत राष्ट्र के लिए मध्यस्थता (मेडिएशन फॉर नेशन) कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

यह अभियान एक जुलाई से 30 सितंबर तक संचालित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन कराना है। इस संबंध में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार, रषिकेश कुमार ने बताया कि इस अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के सहायक आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी, उपसमाहर्ता और मध्यस्थ अधिवक्ताओं की मौजूदगी में विशेष बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में उन्हें कई दिशा निर्देश दिया गया। ताकि अधिक से अधिक मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जा सके।

उन्होंने बताया कि मध्यस्थता भौतिक, ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड में भी आयोजित किया जाना है। राष्ट्र के लिए मध्यस्थता अभियान का उद्देश्य मध्यस्थता के माध्यम से लंबित मामलों का जल्द समाधान करना है।

मध्यस्थता के लिए उपयुक्त लंबित मामलों में मोटर दुर्घटना दावा मामले, घरेलू हिंसा से संबंधित मामले, चेक बाउंस से संबंधित मामले, वाणिज्यिक विवाद, सेवा संबंधी मामले, अपराधिक समझौता योग्य मामले, उपभोक्ता विवाद, ऋण वसूली, संपत्ति का विभाजन, बेदखली मामले, भूमि अधिग्रहण विवाद सहित अन्य मामले शामिल होते हैं।

यह जानकारी डालसा सचिव राजश्री अपर्णा कुजूर ने दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा