गोपाल खेमका मर्डर केस में लापरवाही काे लेकर गांधी मैदान के थाना प्रभारी निलंबित
पटना, 16 जुलाई (हि.स.)। पटना के गांधी मैदान थाना के प्रभारी राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। थाना प्रभारी का निलंबन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा की सिफारिश पर पटना के पुलिस महानिरीक्षक जितेंद्र राणा ने किया है। यह कार्रवाई विधि-व्यव
गोपाल खेमका मर्डर केस में लापरवाही काे लेकर गांधी मैदान के थाना प्रभारी निलंबित


पटना, 16 जुलाई (हि.स.)। पटना के गांधी मैदान थाना के प्रभारी राजेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। थाना प्रभारी का निलंबन

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा की सिफारिश पर पटना के पुलिस महानिरीक्षक जितेंद्र राणा ने किया है।

यह कार्रवाई विधि-व्यवस्था को नियंत्रित करने में राजेश कुमार की लगातार असफलता और प्रमुख उद्योगपति गोपाल खेमका हत्याकांड में उनकी लापरवाही के कारण की गई है। एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने अपनी समीक्षा के दौरान कई बिंदुओं पर राजेश कुमार को कर्तव्यों में लापरवाह पाया, जिसके बाद यह कठोर कदम उठाया गया है।

एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने अपनी समीक्षा में पाया कि एसएचओ राजेश कुमार ने हत्याकांड की प्रारंभिक जांच में लापरवाही बरती। इसके अलावा गांधी मैदान क्षेत्र में बढ़ते अपराध और हाल के महीनों में हुई अन्य आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित करने में भी राजेश कुमार की भूमिका अपर्याप्त थी।

एसएसपी शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि थाना क्षेत्र में रात्रि गश्त और अपराध रोकथाम के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, जिससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा है। आईजी जितेंद्र राणा ने इस रिपोर्ट के आधार पर तत्काल कार्रवाई करते हुए राजेश कुमार को निलंबित कर दिया।

गोपाल खेमका मगध हॉस्पिटल के मालिक और भाजपा से जुड़े एक प्रमुख व्यवसायी थे, उनकी हत्या गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास उनके आवास के बाहर रात 11:40 बजे एक बाइक सवार हमलावर ने गोली मारकर की थी। घटना के बाद पुलिस की प्रतिक्रिया में देरी की शिकायतें सामने आईं क्योंकि, गांधी मैदान थाना घटनास्थल से मात्र 300 मीटर दूर है फिर भी पुलिस को मौके पर पहुंचने में दो घंटे से अधिक समय लगा।

खेमका के भाई शंकर खेमका ने आरोप भी लगाया था कि पुलिस 2:30 बजे सुबह तक मौके पर नहीं पहुंची थी। इस हत्याकांड ने बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए थे और विपक्षी दलों ने इसे “अपराध की राजधानी” करार देते हुए नीतीश कुमार सरकार की कड़ी आलोचना की थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी