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शिमला, 16 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने पूर्व चेतावनी तंत्र (अर्ली वार्निंग सिस्टम) स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मंगलवार को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास पर गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में लिया गया।
बैठक में हाल ही में प्रदेश में हुई बादल फटने और बाढ़ जैसी आपदाओं के दृष्टिगत राहत और पुनर्वास कार्यों की गहन समीक्षा की गई। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में अवरोधित सड़कों की बहाली, पुलों के पुनर्निर्माण और जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत जैसे बुनियादी ढांचे को शीघ्र दुरुस्त करने पर भी विचार हुआ।
पूर्व चेतावनी तंत्र के माध्यम से मौसम की वास्तविक समय में निगरानी, पूर्वानुमान और चेतावनी दी जा सकेगी, जिससे समय रहते आवश्यक सावधानियाँ अपनाकर जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकेगा।
बैठक में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए हेलीकॉप्टर किराए पर लेने का भी निर्णय लिया गया, जिससे दूरदराज और दुर्गम क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में मदद मिल सके।
राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में हुई एक अन्य बैठक में छोटे और सीमांत किसानों के भूमि नियमितीकरण से जुड़े मामलों पर भी चर्चा की गई। उप-समिति ने हिमाचल प्रदेश को वन संरक्षण अधिनियम में रियायत दिलाने हेतु उच्चतम न्यायालय में अपील करने की मंजूरी प्रदान की।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला