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बागपत, 16 जुलाई (हि.स.)। बागपत जिले के हिसावदा गांव में जन्मी आस्था पुनिया बचपन से ही होनहार है। उसके पिता मेरठ के सरधना नर्वोदया विद्यालय में अद्यापक हैं। माता संयोगिता मुजफ्फरनगर के एक प्राथमिक विद्यालय की हेड मास्टर हैं। आस्था पुनिया अपने माता -पिता के साथ रही है जिन्होंने उसको हौंसलो को उड़ान ही नहीं, वो मजबूत पंख भी दिए हैं जिसके बलबूते आज वह समंदर के आसमान में फाइटर जहाज में बैठकर उड़ान भर रही है। आस्था पुनिया ने 12 तक की पढ़ाई मुजफ्फरनगर के एसडी पब्लिक स्कूल से की है जिसके बाद इस बागपत की बेटी को पढ़ाई के लिए राजस्थान के वनस्थली स्कूल में रहकर पढ़ाई करनी पड़ी। यहीं से आस्था पुनिया ने कम्प्यूटर साइंस से बीटेक के बाद एनडीए की तैयारी की।
नौसेना में चयन
तकनीकी शिक्षा वनस्थली राजस्थान से करने के बाद 17 जून 2023 को उनका चयन नौसेना में भर्ती हुई। दो साल की ट्रेंनिग के बाद उन्होंने पायलट की परीक्षा दी जिसमें चयन होने के बाद कमीशन प्राप्त कर वह देश की नौसेना में पहली महिला फाइटर पायलट बन गयी है।
शिक्षा से जुड़ा है परिवार
आस्था का पूरा परिवार शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है । आस्था पुनिया के पिता अरुण पूनिया वर्तमान में नवोदय विद्यालय सरधना में शिक्षक हैं। माता मुज़फ्फर नगर जनपद में प्रधानाध्यापिका हैं ,जबकि ताऊ डॉ गुलबीर सिंह पूनिया संजय गांधी डिग्री कॉलेज सरूरपुर जनपद मेरठ के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
विंग्स ऑफ गोल्ड से सम्मानित
आस्था पुनिया भारतीय नोसेना में सब लेफ्टिनेंट हैं। उन्हें विशाखापटनम स्थित आईएनएस डेगा में दूसरे बेसिक हॉक कन्वर्जन कोर्स के स्नातक समारोह के दौरान सम्मानित किया जा चुका है। समारोह में उनको विंग्स ऑफ गोल्ड के प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया।
आसमान में जहाज देखकर होती थी खुश
आस्था के पिता अरुण बताते हैं कि आस्था बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रही है। उसका सपना था कि एक दिन वह फाइटर प्लेन उड़ाएगी। आसमान से गुजरते जहाज देखकर वह हमेशा खुश होती थी। दूसरों को भी बुलाकर जहाज दिखाती थी।
बैडमिंटन खेल में थी रुचि
आस्था पूनिया यूं तो कई खेल खेलती है लेकिन उसका पसंदीदा खेल बैडमिंटन है। पढ़ाई के साथ-साथ वह बैडमिंटन खेला करती थी। आज भी वह वक्त मिलने पर बैडमिंटन ही खेलती है।
हिन्दुस्थान समाचार / सचिन त्यागी