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— सभी विभागों को अलर्ट रहने,राहत शिविर में पहुंचे लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश
वाराणसी, 16 जुलाई (हि.स.)। गंगा नदी में लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अपर पुलिस आयुक्त शिवहरी मीना ने बुधवार को चिरईगांव के प्राथमिक विद्यालय, सलारपुर स्थित राहत शिविर एवं बाढ़ चौकी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिविर में रह रहे लोगों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने शिविर में भोजन, आवास, स्वच्छता, चिकित्सा सुविधा, बिजली सुरक्षा आदि की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिलाधिकारी ने नायब तहसीलदार को निर्देश दिए कि हाईजेनिक किचन, शौचालय, गैस कनेक्शन, तयशुदा मेन्यू के अनुसार भोजन, टेंट, डॉक्टर की उपस्थिति, नियमित फॉगिंग और चुना छिड़काव सुनिश्चित किया जाए।
एसडीएम सदर ने बताया कि जनपद में 46 राहत शिविर बनाए गए हैं जिसमें से नगरीय क्षेत्र में 27, ग्रामीण क्षेत्र में 10, राजातालाब तहसील में 06 और पिंडरा में तीन राहत शिविर बनाए गए हैं। जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर से कहा कि वरुणा के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का विशेष प्रभाव है, लिहाजा इस क्षेत्र में सतर्कता बरती जाए। उन्होंने बाढ़ के लिए संवेदनशील तहसीलों(सदर और राजातालाब) के लिए सभी विभागों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
—पुलिस कमिश्नर और कमिश्नर ने नाव से किए संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण
पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और कमिश्नर एस. राजलिंगम ने एनडीआरएफ की विशेष बोट से बाढ़ से प्रभावित संभावित इलाकों के साथ तटवर्ती क्षेत्र के हालात का जायजा लिया। अफसरों ने संवेदनशील क्षेत्रों—नमोघाट, वरुणा-संगम, राजघाट, मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट, दशाश्वमेध, अस्सी और रविदास घाट—का निरीक्षण किया। पुलिस कमिश्नर ने पुलिस बल को संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त तैनाती के निर्देश दिए और प्रत्येक थाने पर बाढ़ निगरानी के लिए डेडीकेटेड टीम तैयार रखने को कहा। साथ ही, 24x7 पुलिस कंट्रोल रूम, बोट पेट्रोलिंग और माइक अनाउंसमेंट को और बेहतर करने पर बल दिया। अधिकारियों ने आमजन से प्रशासन की गाइडलाइनों का पालन करने और किसी भी स्थिति में प्रशासन से संपर्क बनाए रखने की अपील की। लोगों से बातचीत भी किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी