अमेरिकी राजदूत ने फिलीस्तीनी क्षेत्रों से संबंधित बिल पर आयरलैंड को ‘होश में आने’ की दी नसीहत
जेरूसलम/डबलिन, 16 जुलाई (हि.स.)। इजराइल में अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने आयरलैंड की संसद में प्रस्तावित उस विधेयक को लेकर कड़ी आलोचना की है, जिसमें अवैध इजराइली बस्तियों से व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। हकाबी ने आयरलैंड को “राजनयिक नशे मे
अमेरिकी राजदूत ने फिलीस्तीनी क्षेत्रों से संबंधित बिल पर आयरलैंड को ‘होश में आने’ की दी नसीहत


जेरूसलम/डबलिन, 16 जुलाई (हि.स.)। इजराइल में अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने आयरलैंड की संसद में प्रस्तावित उस विधेयक को लेकर कड़ी आलोचना की है, जिसमें अवैध इजराइली बस्तियों से व्यापार पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। हकाबी ने आयरलैंड को “राजनयिक नशे में चूर” बताते हुए विवादास्पद टिप्पणी की, जिससे कूटनीतिक संबंधों में तनाव के संकेत मिल रहे हैं।

हकाबी ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, “क्या आयरिश लोग गिनीज के पीपे में गिर गए और इतना मूर्खतापूर्ण प्रस्ताव रख दिया कि वह 'डिप्लोमैटिक इंटॉक्सिकेशन' कहलाए? होश में आओ आयरलैंड!”

इस टिप्पणी को कई विशेषज्ञों और समूहों ने आयरिश समुदाय पर सांस्कृतिक अपमान की तरह देखा है। वहीं अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भी कहा कि यह बिल “अमेरिका में अच्छी तरह से नहीं लिया जाएगा” और “नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।”

आयरलैंड की संसद (ओइराक्टस) में इस सप्ताह विदेशी मामलों और व्यापार पर समिति ने “इजराइली अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्र से माल के आयात पर रोक” विधेयक 2025 पर विचार-विमर्श किया। यह बिल, जिसे पहली बार 2018 में पेश किया गया था, अब गाजा युद्ध के बाद फिर से चर्चा में आया है। अगर यह पारित हो जाता है, तो यह बिल यूरोपीय संघ का पहला ऐसा कानून होगा जो इजराइली बस्तियों से व्यापार को कानूनी रूप से प्रतिबंधित करेगा।

प्रधानमंत्री मिशेल मार्टिन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम “प्रतीकात्मक” है, जिसका उद्देश्य गाजा और वेस्ट बैंक में मानवीय संकट पर ध्यान आकर्षित करना है। उन्होंने कहा, “यह सरकार की उस व्यापक नीति का हिस्सा है, जो गाजा और वेस्ट बैंक में हिंसा और मानवीय त्रासदी को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है।”

उल्लेखनीय है कि यह विरोधाभास ऐसे समय में सामने आया है जब आयरलैंड ने मई 2024 में फिलीस्तीन को आधिकारिक मान्यता दी, और इजराइल ने दिसंबर 2024 में डबलिन स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया, यह कहते हुए कि आयरलैंड की नीतियां “चरमपंथी और इजराइल विरोधी” हैं।

हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने इजराइल के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि “आयरलैंड शांति, मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय कानून का समर्थक है। हम हमेशा दो-राज्य समाधान की बात करते रहेंगे, और मानवाधिकारों के पक्ष में खड़े रहेंगे।”

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय