महिला सशक्तिकरण को लेकर नालंदा में दिदी हाट परियोजना प्रारंभ
नालंदा, बिहारशरीफ 16 जुलाई (हि.स.)। जीविका परियोजना के तहत नालंदा जिले में बुधवार को दिदी हाट परियोजना प्रारंभ किया गया है।इस अवसर पर जिलाधिकारी ने दिदी हाट परियोजना के उद्देश्यों, स्वरूप एवं अपेक्षित सहयोग के बारे में अवगत कराया ताकि इस परियोजना को
दीदी हाट परियोजना में शामिल डीएम


नालंदा, बिहारशरीफ 16 जुलाई (हि.स.)। जीविका परियोजना के तहत नालंदा जिले में बुधवार को दिदी हाट परियोजना प्रारंभ किया गया है।इस अवसर पर जिलाधिकारी ने दिदी हाट परियोजना के उद्देश्यों, स्वरूप एवं अपेक्षित सहयोग के बारे में अवगत कराया ताकि इस परियोजना को नालंदा जिलेभर में प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया जा सके।

दिदी हाट एक पायलट मॉडल है जो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं तथा ग्रामीण समुदाय को आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है। यह एक ऐसा हाट होगा जो “दिदियों द्वारा और दिदियों के लिए” संचालित होगा, जिसमें पौष्टिक भोजन की बिक्री के साथ-साथ आजीविका के अवसर भी सृजित किए जाएंगे।इस पहल को इन्फ्यूज़न और जीविका के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जा रहा है जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।इस मौके पर डीएम ने बताया कि पावर बैकअप की व्यवस्था ब्रेड़ा के माध्यम से कराई जाएगी। साथ ही, आवश्यक संरचनात्मक परिवर्तन हेतु संबंधित विभागों से समन्वय कर सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही

उन्होंने आश्वासन दिया कि हाट परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था संबंधित विभाग के माध्यम से सुनिश्चित कराई जाएगी।दिदी हाट का नाम “जीविका दिदी की मार्ट” रखने का सुझाव दिया गया जिससे इसे अधिक प्रभावी ब्रांडिंग मिल सके।जीविका के (सूचना, शिक्षा एवं संचार) सामग्री एवं ब्रांडिंग की दृश्यता हाट परिसर को भी बढ़ावा देने पर बल दिया गया।इसके लिए आवश्यक वित्तीय सहयोग स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। जहां तक जन औषधि केंद्र के साथ-साथ प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को भी परियोजना से जोड़े जाने का सुझाव दिया गया है। यह सेवा सप्ताहिक या मासिक आधार पर चलाई जा सकती है।हाट में प्रत्येक तिमाही अथवा त्योहारों के अवसर पर “जीविका उत्सव” या “गोल्डन 100 डेज ऑफ दिदी” जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।ऐसे मेलों में स्थानीय कलाकारों एवं हस्तशिल्पियों को मंच देने की बात कही गई है जिससे हाट की लोकप्रियता और पहुंच बढ़ेगी।जिला पदाधिकारी ने कहा कि वे स्थानीय किसानों के लिए एक आपूर्ति प्रणाली विकसित करना चाहते हैं जिसमें खेतों से ताजा सब्जियां एक स्टॉक प्वाइंट तक लाई जाएंगी और वहां से दिदी की रसोई तक भेजी जाएंगी।जिससे महिलाओं के कौशल विकास हेतु एक सिलाई यूनिट के लिए 6000-7000 वर्ग फुट क्षेत्र उपलब्ध कराने हेतु उनके द्वारा सहमती प्रदान की गई।दिदी हाट परियोजना को लेकर जिला पदाधिकारी महोदय ने गहरी रुचि दिखाई और इसे महिला सशक्तिकरण, पोषण सुधार तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास बताया। उन्होंने परियोजना को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रमोद पांडे