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जालौन, 16 जुलाई (हि.स.)। कोटा बांध से अचानक छोड़े गए पानी के कारण जालौन जिले में यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। हालांकि, अभी नदी का स्तर खतरे के निशान से लगभग 5 मीटर नीचे है, लेकिन लगातार बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है।
बता दें कि, यमुना नदी का जलस्तर बुधवार को करीब 103 मीटर तक पहुंच गया, जो पिछले 24 घंटों में लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन के अनुसार, नदी का स्तर प्रति घंटे 6 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है, जिससे आने वाले घंटों में स्थिति और गंभीर होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने इस सम्भावित खतरे को देखते हुए एक बुलेटिन जारी कर आसपास के गांवों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है। विशेष रूप से मगरौल, पडरी और रपटा जैसे निचले इलाकों में पानी भरने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने इन क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी है।
जिला प्रशासन ने सभी बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, नदी किनारे बसे गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। कालपी नगर क्षेत्र में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है।
एसडीएम अतुल कुमार ने बताया कि यदि पानी का स्तर और बढ़ता है, तो नदी किनारे बसे कुछ और गांवों को खाली कराने की योजना तैयार है। फिलहाल यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान (108 मीटर) से 5 मीटर नीचे है, लेकिन लगातार पानी छोड़े जाने और बारिश की सम्भावना को देखते हुए प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 से 48 घंटों में इस क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश की सम्भावना है, जिससे नदी का जलस्तर और बढ़ सकता है। ऐसे में प्रशासन ने निगरानी तेज कर दी है और आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। स्थिति पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं। निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा