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हरदा, 16 जुलाई (हि.स.)। जिले के आदिवासी बाहुल्य टिमरनी ब्लाक अंतर्गत बड़वानी प्रायमरी स्कूल की शिक्षण व्यवस्था चौपट है। कक्षा के अनुरूप बच्चों को ज्ञान नहीं है। साफ सफाई सहित अन्य अव्यवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है। स्कूल में पढ़ाई के दौरान शिक्षक मोबाइल से संगीत सुनते हुए नजर आते हैं। बच्चों का शैक्षणिक स्तर काफी कमजोर है। बच्चों के बौद्धिक स्तर का पता लगाया जाये तो स्कूल में होने वाली पढ़ाई का अंदाजा सहज तरीके से लगाया जा सकता है। जिम्मेदार जवाबदेह अधिकारी निगरानी नहीं करते हुए जिसका फायदा उठाते हुए मनमानी की जा रही है।
साफ सफाई पर नहीं दिया जा रहा ध्यान -
साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। स्कूल में गंदगी है। ऐसी स्थिति में कोई अप्रिय घटना हो सकती है। मच्छर पनपने के अलावा जहरीले कीड़ों का भी भय बना रहता है। बावजूद इसके साफ सफाई कराकर स्कूल की व्यवस्था को चुस्त दुरूस्थ नहीं कराया जा रहा है।
पढ़ाई नहीं होने से पलक चिंतित -
पढ़ाई नहीं होने के कारण बच्चों के पालक चिंतित हैं। बच्चों की बुनियाद कमजोर होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं और अनुतीर्ण होकर पढ़ाई छोड़ देते हैं। पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा होने के पीछे मुख्य वजह पढ़ाई का स्तर अत्यंत कमजोर होना है। बच्चे येन-केन-प्रकरेण आठवीं तक पढ़ाई कर लेते हैं। इसके बाद पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आठवीं एवं नवमी के बाद पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों की संख्या पर समीक्षा कर वास्तविक करणों का पता लगाया जाये तो पढ़ाई का स्तर कमजोर होना प्रमुख कारणों के रूप में उभर कर सामने आ जायेगा।
शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने की कवायद -
शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने की कवायद शासन द्वारा की जा रही है। बावजूद इसके शिक्षा के स्तर में कोई अपेक्षित सुधार नहीं आ रहा है। शिक्षक पद एवं अधिकार का दुरुपयोग करते हुए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने के साथ-साथ राजनीतिक चर्चाओं में मशमूल रहते हैं। पढ़ाई की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। शाला खुलने के निर्धारित समय पर नियमित उपस्थित नहीं होते हैं।
बच्चों का स्तर कमजोर -
पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं होने के कारण बच्चों का स्तर कमजोर है। जानकारी पूछने पर शिक्षक द्वारा परमिशन लेटर मांगा जाता है। सत्ता सुधार की टीम मंगलवार को वनांचल में पहुंची तो बच्चों के शिक्षा स्तर और स्कूल की स्थिति की जांच करने पहुंची तो शिक्षक ने स्कूल में घुसने के लिए परमिशन लेटर की मांग की।
औचक निरीक्षण में खुलेगी पोल -
बड़वानी मिडिल स्कूल का औचक निरीक्षण अधिकारी करें तो स्कूल में व्याप्त तमाम अव्यवस्थाओं पर से पर्दा उठ जायेगा और बच्चों के शैक्षणिक स्तर की वास्तविक गतिविधि भी सामने आ जायेगी। स्कूल में कक्षाओं के संचालन के समय बच्चे ग्राउंड में इधर-उधर घूमते नजर आते हैं। ग्रामिणों की शिकायत है कि शिक्षक मोबाइल (गाने सुनने) में अधिक व्यस्त रहते हैं। जिला कलेक्टर का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए सारे मामले की जांच पड़ताल कराकर कठोर कार्यवाही करने की मांग जोर पकड़ रही है।
स्कूल की घड़ी पड़ी बंद -
जब बच्चों से पूछा गया कि आपके स्कूल की घड़ी में अभी इस समय कितनी बज रही है, बच्चों ने बताया कि 6 बज रहे हैं। लेकिन जब वास्तविक घड़ी दिखाई गई तो उनका कहना है 2:30 बजे है। शिक्षक का कहना है कि अभी पैसे नहीं है, बाजार जायेंगे तब ले आएंगे, मोबाइल में घडी है।
क्या कहते जवाबदार -
शिक्षा विभाग के विकासखंड स्रोत समन्वयक राकेश मंड़लेकर, ने बताया कि बड़वानी स्कूल के शिक्षक द्वारा अभद्र व्यवहार करने का मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है, इसकी जांच पड़ताल कराकर कार्यवाही की जायेगी।
वहीं टिमरनी विकास खंड शिक्षा अधिकारी शशांक पालिवाल का कहना है कि
स्कूल का कवरेज नहीं करने देने का मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है, इसकी जांच कराकर उचित कार्यवाही की जायेगी।
जबकि जिला परियोजना समन्वयक, शिक्षा विभाग, हरदा। बलवंत पटेल का कहना है कि स्कूल का कवरेज नहीं करने देने का मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है इसकी जांच पड़ताल कराकर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / Pramod Somani