रेवाड़ी: शहर में अस्पताल बनाने की मांग पर लाेगाें ने किया प्रदर्शन
रेवाड़ी, 16 जुलाई (हि.स.)। रेवाड़ी में बनने वाला 200 बेड का अस्पताल शहर में ही बनाए जाने की मांग को लेकर बुधवार को लोगों ने प्रदर्शन किया। शहर के लोगों ने सेक्टर 18 में उपलब्ध जमीन पर ही अस्पताल निर्माण की मांग उठाई है। बुधवार को अस्पताल के लिए रिजर्व
अस्पताल को लेकर प्रदर्शन करते हुए नगरवासी।


रेवाड़ी, 16 जुलाई (हि.स.)। रेवाड़ी में बनने वाला 200 बेड का अस्पताल शहर में ही बनाए जाने की मांग को लेकर बुधवार को लोगों ने प्रदर्शन किया। शहर के लोगों ने सेक्टर 18 में उपलब्ध जमीन पर ही अस्पताल निर्माण की मांग उठाई है। बुधवार को अस्पताल के लिए रिजर्व स्थल पर सेक्टर 18, सेक्टर-3, हाउसिंग बोर्ड कालोनी व राधास्वामी कालोनी के लोग एकत्रित हुए। जिनका नेतृत्व रेजांगला पार्क विकास समिति के मुख्य संरक्षक परमात्मा शरण ने किया।

परमात्मा शरण ने कहा कि जब शहर में अस्पताल के लिए पांच एकड़ से अधिक जमीन उपलब्ध है तो फिर गांव में अस्पताल शिफ्ट करने का मतलब नहीं है।

रेजांगला पार्क विकास समिति के मुख्य सरंक्षक परमात्मा शरण ने कहा कि वे केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह से भी अस्पताल को लेकर मुलाकात करेंगे। शहर का अस्पताल शहर में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर की दो लाख से अधिक आबादी है ऐसे में लोग 10 किलोमीटर दूर गांव में उपचार के लिए जाएगी तो बड़ी दिक्कत होगी। शहर में कोई बड़ा हादसा होता है तो वहां तक पहुंचते-पहुंचते तो बड़ी हानि हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शहर का अस्पताल गांव में शिफ्ट नहीं होना चाहिए।

ज्ञात हो कि रेवाड़ी जिले का सामान्य अस्पताल काफी पुराना हो चुका हैए जो कि 100 बेड का है। अब प्रदेश सरकार ने यहां 200 बेड के नए अस्पताल की घोषणा कर रखी है। जिसका निर्माण के लिए पुरानी बिल्डिंग के पास जगह कम है। इसके लिए नया स्थल तलाश किया जा रहा है। वहीं रेवाड़ी के साथ लगते गांव गोकलगढ़ व भगवानपुर में अस्पताल के लिए जगह देखी गई थी। भगवानपुर के सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने उन्हें भरोसा दिया था कि अगर वे वाटर टैंक के लिए जमीन देंगे तो अस्पताल उनके गांव में बनवा देंगे। लेकिन वाटर टैंक की रजिस्ट्री होते ही वे वादे से मुकर गए और दूसरी जगह जमीन देखने लगे। जिसको लेकर ग्रामीण 17 जून से धरने पर बैठे हुए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला