आयुर्वेद विवि में प्रावृटीय बस्ति कर्म चिकित्सा शिविर शुरू
जोधपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद के स्नातकोतर पंचकर्म विभाग में ऋतु अनुसार मनाए जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रावृटीय (वर्षा) बस्ति कर्म चिकित्सा श
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जोधपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद के स्नातकोतर पंचकर्म विभाग में ऋतु अनुसार मनाए जाने वाले कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रावृटीय (वर्षा) बस्ति कर्म चिकित्सा शिविर का विधिवत शुभारंभ कुलगुरु प्रोफेसर (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति द्वारा किया गया।

स्नातकोत्तर पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ज्ञानप्रकाश शर्मा ने बताया किआयुर्वेद में वर्षा ऋतुचर्या के दौरान बस्ति को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस का उद्देश्य वात दोष को संतुलित करना होता है, वात दोष इस मौसम में प्रकुपित हो जाता है। वर्षा ऋतु में अक्सर पाचन अग्नि कमजोर हो जाती है, जिससे विषाक्त पदार्थों का कुशलतापूर्वक निष्कासन बाधित होता है। बस्ति बृहदान्त्र को शुद्ध करने, संचित विषाक्त पदार्थों को निकालने, और पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक करता है। यह शरीर को पोषण प्रदान करता है, प्रतिरक्षा को बढ़ाता है, और समग्र स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है।

इस मासपर्यंत होने वाले शिविर मे स्वस्थ एवं रोगी के स्वास्थ्य रक्षणार्थ बस्ति चिकित्सा शिविर, स्नातक छात्र-छात्राओं पोस्टर एवं क्विज़ प्रतियोगिता, बस्ति उपयोगी द्रव्यों प्रदर्शनी, पंचकर्म उपयोगी पादपों का वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। मीडिया प्रभारी डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में संजीवनी चिकित्सालय अधीक्षक एवं विभागाध्यक्ष रोग विकृति एवं विज्ञान प्रो. गोविंद प्रसाद गुप्ता, विभागाध्यक्ष स्नातकोत्तर पंचकर्म डॉ. ज्ञानप्रकाश शर्मा, सहायक आचार्य डॉ. दिलीप कुमार व्यास, डॉ. अचला राम कुमावत, डॉ.गौरीशंकर राजपुरोहित एवं स्नातकोतर पंचकर्म विभाग के समस्त पी.जी.अध्येता उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश