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कीट विज्ञान विभाग की ओर से तकनीकी कार्यक्रम की समीक्षा बैठक आयोजितहिसार, 16 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग की ओर से गत वर्ष 2024-25 की अनुसंधान योजनाओं की समीक्षा एवं वर्ष 2025-26 के लिए नई योजनाओं का प्रारूप तैयार करने के लिए तकनीकी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बैठक में कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज मुख्य अतिथि रहे जबकि जबकि अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर अनुसंधान विभाग के अधिकारी, विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्ष एवं कीट विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।कुलपति ने बुधवार काे आयाेजित इस कार्यक्रम में वैज्ञानिकों को रासायनिक कीटनाशकों पर निर्भरता घटाकर जैविक एवं पर्यावरण-अनुकूल कीट प्रबंधन तकनीकें विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने फसल-प्रणाली आधारित एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) पर जोर देते हुए कीट प्रतिरोधी किस्मों के विकास, जैव-कीटनाशकों एवं मित्र कीटों के संवर्धन की महत्ता बताई। उन्होंने कपास में गुलाबी सुंडी, गन्ने में बोरर तथा अन्य प्रमुख फसलों में कीट प्रकोप के समयबद्ध प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीकों के विकास की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते कीट स्वरूपों एवं उनके प्रकोप के प्रति वैज्ञानिकों को सजग रहने को कहा। कुलपति ने मधुमक्खियों एवं अन्य परागणकों के संरक्षण को भी अनुसंधान की प्राथमिकता में रखने की आवश्यकता बताई। उन्होंने मधुमक्खी पालन को केवल शहद उत्पादन तक सीमित न रखते हुए मोम, पराग, प्रोपोलिस एवं रॉयल जेली जैसे बहु-मूल्य उत्पादों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य करने का सुझाव दिया। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने वैज्ञानिकों को सभी प्रमुख फसलों के हानिकारक कीटों की पहचान, जीवन-चक्र क्षति-लक्षण एवं प्रबंधन पद्धतियों पर आधारित विस्तृत कैटलॉग अथवा एटलस तैयार करने की सलाह दी ताकि किसान एवं विस्तार कार्यकर्ता इसका सहजता से उपयोग कर सकें। उन्होंने कृषि उत्पादन में कीटनाशी अवशेषों की नियमित निगरानी और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप उत्पादन पर भी बल दिया। कार्यशाला के समापन अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. सुनीता यादव ने सभी उपस्थित अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ. आरके गुप्ता, डॉ. सुरेन्द्र धनखड़, डॉ. सुरेन्द्र यादव, डॉ. सुरेश सीला व डॉ. रामनिवास श्योकंद उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर