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नारनौल, 16 जुलाई (हि.स.)। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं जल व स्वच्छता सहायक संगठन नारनौल की ओर से बुधवार को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परिसर में नमस्ते दिवस का आयोजन किया गया।
जिला सलाहकार मंगतू राम सरसवा ने बताया कि नमस्ते का पूरा नाम नेशनल एक्शन फॉर मशीनीकृत सैनिटेशन इकोसिस्टम है, जिसका उद्देश्य हाथ से मैला उठाने की प्रथा को पूर्णतः समाप्त कर सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के लिए यांत्रिकी पद्धति को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि नए भारत का ऐलान मशीन से सफाई, सुरक्षा और सम्मान का यह नारा केवल शब्द नहीं बल्कि सफाईकर्मियों के जीवन में गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी सीवरमैनों को मैनुअल स्कैवेंजिंग पर रोक, मशीनों के प्रयोग, सुरक्षा उपकरणों के महत्व, बीमा, स्वास्थ्य जांच, सामाजिक सुरक्षा और प्रशिक्षण की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नमस्ते दिवस का आयोजन देशभर में सफाईकर्मियों की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जाता है। भारत सरकार की यह योजना वर्ष 2022-23 में स्वच्छ भारत मिशन शहरी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई थी जिसे आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की साझेदारी से लागू किया जाता है।
मंगतू राम सरसवा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सफाईकर्मियों को केवल सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराना ही नहीं बल्कि उन्हें गरिमापूर्ण जीवन और सुरक्षित कार्य वातावरण उपलब्ध करवाना है। इसके तहत सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई से होने वाली दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को शून्य तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम हमें यह स्मरण कराता है कि स्वच्छता के असली नायक हमारे सीवरमैन हैं और उनकी सुरक्षा हमारी सामाजिक जिम्मेदारी है। इस मौके पर सुपरवाइजर रामशरण ने सफाईकर्मियों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की कार्यप्रणाली और मशीनों के उपयोग के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला