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रायपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत कार्यरत 16 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का विरोध-प्रदर्शन लगातार सातवें दिन बुधवार को भी जारी रहा। नियमितीकरण, नौकरी की सुरक्षा, ग्रेड पे, 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, मेडिकल बीमा, अनुकंपा नियुक्ति जैसी दस सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहे इस आंदोलन की आज एक अलग ही तस्वीर सामने आई, जब राज्य के सभी 33 जिला मुख्यालयों में कर्मचारियों ने ताली और थाली बजाकर सरकार को अपने वादे याद दिलाए और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि, कोविड काल में हमें कोरोना वॉरियर्स कहकर ताली और थाली बजवाई गई, लेकिन आज वही कर्मचारी अपनी मांगों के लिए सड़कों पर हैं और अपने लिए खुद ताली और थाली बजाने पर मजबूर हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होंगी, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने बताया कि, एनएचएम कर्मचारी पिछले दो दशकों से अपने नियमितीकरण, सेवा शर्तों में सुधार, समान कार्य-समान वेतन जैसी मांगों को लेकर लगातार ज्ञापन, आंदोलन और अनुनय-विनय कर रहे हैं। “मोदी की गारंटी” और अन्य चुनावी वादों के बावजूद आज तक कोई ठोस पहल नहीं की गई। उन्होंने बताया कि अब तक 100 से अधिक ज्ञापन मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और उच्च अधिकारियों को सौंपे जा चुके हैं, लेकिन परिणाम शून्य ही रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल