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धर्मशाला, 16 जुलाई (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला कांगड़ा ने उड़ीसा के फकीर मोहन कॉलेज की छात्रा द्वारा विभागाध्यक्ष के यौन उत्पीडऩ से क्षुब्ध होकर आत्मदाह करने और कांगड़ा बस स्टैंड पर महिला के साथ हुई शर्मनाक घटना के विरोध में बुधवार को प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उड़ीसा में छात्रा की आत्महत्या नहीं, बल्कि यह एक सुनियोजित हत्या है, जिसके लिए कॉलेज प्रशासन और आरोपी शिक्षक जिम्मेदार हैं।
परिषद का कहना है कि यह घटना शिक्षा संस्थानों में पनप रही राक्षसी मानसिकता की गंभीर चेतावनी है। प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा ने कहा कि भारत की संस्कृति नारी को देवी का स्थान देती है, लेकिन आज बेटियां शिक्षा के मंदिरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। यदि उन्हें आत्मदाह जैसे कदम उठाने पड़ें, तो यह व्यवस्था पर सीधा तमाचा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दोषियों पर जल्द और सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो विद्यार्थी परिषद राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
वहीं हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा बस स्टैंड में 11 जुलाई को महिला के साथ हुई अभद्रता का उल्लेख करते हुए राणा ने कहा कि यह प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था का प्रमाण है और यह दर्शाता है कि महिलाएं सार्वजनिक स्थलों पर भी सुरक्षित नहीं हैं।
प्रदेश सह मंत्री अभिनव चौधरी ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि हिमाचल में लगातार बढ़ रही महिला उत्पीड़न की घटनाएं सरकार की विफलता को दर्शाती हैं। सरकार को महिला सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी, अन्यथा विद्यार्थी परिषद संघर्ष तेज करेगी। ए.बी.वी.पी. ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए और महिला सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर प्रभावी नीति बनाई जाए। परिषद ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और अधिक उग्र और व्यापक रूप दिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया