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सोनीपत, 16 जुलाई (हि.स.)। गुजरात के गिरनार पर्वत की पांचवीं टोंक पर भगवान नेमिनाथ
के मोक्ष स्थल को लेकर उत्पन्न विवाद पर जैन समाज में गहरी नाराज़गी है। पूजा से रोकने
और मूर्ति स्थापना के विरोध में बुधवार को सोनीपत के दिगंबर जैन समाज ने गुजरात के
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नाम उपायुक्त सुशील सारवान को ज्ञापन सौंपा।
मेयर राजीव जैन और जैन समाज के प्रधान एसके जैन अधिवक्ता के
नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि गिरनार की पंचम टोंक पुरातत्व विभाग और
राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार प्राचीन जैन तीर्थस्थल है। ऐसे में वहां जैन धर्मावलंबियों
को पूजा से रोकना और दत्तात्रेय की मूर्ति स्थापित करना धर्मिक असहिष्णुता है। समाज
ने मांग की कि पंचम टोंक को संरक्षित राष्ट्रीय जैन धरोहर घोषित किया जाए और पुलिस
अधिकारियों पर कार्रवाई हो जिन्होंने श्रद्धालुओं को पूजा से रोका।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 2 जुलाई को हजारों जैन श्रद्धालुओं
को न केवल पूजा से रोका गया, बल्कि उन्हें जयकारे बोलने, भगवान को लड्डू अर्पित करने
और पूजा सामग्री ले जाने से भी वंचित किया गया। पुलिस द्वारा महिलाओं से अभद्रता और
कई स्थानों पर चेकिंग के नाम पर पूजा सामग्री छीनने के आरोप लगाए गए।
एस.के. जैन ने बताया कि गुजरात उच्च न्यायालय 2005 में पंचम
टोक पर किसी भी प्रकार के निर्माण को प्रतिबंधित कर चुका है, फिर भी मूर्ति स्थापित
कर दी गई, जो न्यायिक अवमानना है। ज्ञापन देने वालों में राजेश जैन, अंकित जैन, मयंक
जैन और जय कुमार जैन प्रमुख रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना