गुरु और शिष्य का सम्बन्ध संवेदना स्तर पर हो : प्रो आनंद शंकर सिंह
-ईश्वर शरण महाविद्यालय में 24 दिवसीय ‘गुरू दक्षता’ कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। ईश्वर शरण महाविद्यालय में केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त फैकेल्टी डेवलपमेंट सेंटर द्वारा चल रहे 24 द
कार्यक्रम


-ईश्वर शरण महाविद्यालय में 24 दिवसीय ‘गुरू दक्षता’ कार्यक्रम का शुभारम्भ

प्रयागराज, 16 जुलाई (हि.स.)। ईश्वर शरण महाविद्यालय में केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रदत्त फैकेल्टी डेवलपमेंट सेंटर द्वारा चल रहे 24 दिवसीय ‘‘गुरु दक्षता’’ कार्यक्रम का शुभारम्भ बुधवार को हुआ।

कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनंद शंकर सिंह ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए भारतीय ज्ञान परम्परा में निहित गुरु और शिष्य के अंतर्संबंध पर जानकारी देते हुए ‘‘विद्या गुरुणां गुरुः’’ को व्याख्यायित किया। उच्च शिक्षा के लिए शिक्षकों के ‘‘मनसा-वाचा-कर्मणा’’ तीनों रूपों में सशक्त होने की बात की एवं कहा कि सम्वेदना स्तर पर गुरु और शिष्य का सम्बन्ध होना चाहिए।

कार्यक्रम के प्रथम वक्ता आईयूसीटीई, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के निदेशक प्रोफेसर प्रेम नारायण सिंह ने ‘‘व्यक्तिगत संवेगात्मक विकास और परामर्श’’ विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए शिक्षकों को विद्यार्थियों की भावनाओं को समझने की बात कही। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत स्तर पर विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान की कोशिश शिक्षकों को करनी चाहिए।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के प्रोफेसर पंकज कुमार ने ‘‘तत्कालीन समय में सुशासन’’ की स्थिति पर अपने विचार प्रतिभागियों के समक्ष साझा किया। उन्होंने अच्छे सुशासन के लिए जो आवश्यक तत्व हैं उन पर जानकारी दी एवं कहा कि संस्थानों में पारदर्शिता, नागरिक सहभागिता, कुशल सेवा वितरण के माध्यम से हम सुशासन को देख सकते हैं। प्रोफेसर गिरिजा शंकर शास्त्री, ज्योतिष विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने भारतीय ज्ञान परम्परा में पर्यावरण चेतना पर अपनी बात रखी।

सेंटर द्वारा संचालित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा सेंटर के उप निदेशक डॉ. मनोज कुमार दुबे ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि एक महीने तक चलने वाले इस कार्यक्रम की रूपरेखा एवं स्वागत कार्यक्रम के संयोजक डॉ. एकात्मदेव ने तथा संचालन सह संयोजक डॉ. महेश प्रसाद राय ने किया। कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ. शैलेश कुमार यादव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। उद्घाटन सत्र में देश के विभिन्न राज्यों से 140 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक प्रोफेसर मान सिंह, प्रोफेसर धीरज चौधरी, प्रोफेसर धीरेन्द्र द्विवेदी, प्रोफेसर अनुजा सलूजा आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र