गुरुग्राम: जब एक महिला जागरुक होती है तो पूरा समाज सुरक्षित होता है: इंस्पेक्टर सुुमन
-यह सिर्फ जानकारी नहीं, सुरक्षा की ढाल है गुरुग्राम, 16 जुलाई (हि.स.)। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने व उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से महिला थाना पश्चिम गुरुग्राम प्रबंधक इंस्पेक्टर सुमन ने आईएमटी मानेसर स्थित तीन कंपनियों में विशेष जागरुकता क
गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर स्थित कंपनी में महिला कर्मचारियों को सुरक्षा के प्रति जागरुक करतीं महिला थाना पश्चिम गुरुग्राम प्रबंधक इंस्पेक्टर सुमन।


-यह सिर्फ जानकारी नहीं, सुरक्षा की ढाल है

गुरुग्राम, 16 जुलाई (हि.स.)। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने व उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से महिला थाना पश्चिम गुरुग्राम प्रबंधक इंस्पेक्टर सुमन ने आईएमटी मानेसर स्थित तीन कंपनियों में विशेष जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए। कंपनियों के काम करने वाले कर्मचारियों को महिलाओं, बच्चों विरुद्ध होने वाले अपराधों, साइबर अपराधों, सेल्फ डिफेंस, पॉक्सो एक्ट, डॉयल-112, दुर्गा शक्ति ऐप व नशा करने के दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी देकर जागरुक किया गया।

इंस्पेक्टर सुमन ने महिलाओं को सुरक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि जब एक महिला जागरुक होती है तो पूरा समाज सुरक्षित होता है। महिलाओं को खुद के अधिकारों के प्रति भी जागरुक होना चाहिए। उन्होंने पुलिस टीम द्वारा कर्मचारियों/स्टॉफ को महिलाओं/बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों, साईबर अपराधों के प्रकार, इनसे बचाव व ये अपराध होने के उपरान्त उनके बचाव/निवारण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इन अपराधों के लिए कानून के दिए गए प्रावधानों व सजा इत्यादि के बारे में भी जानकारी देकर जागरुक किया गया। इस दौरान उपस्थित कर्मचारियों व स्टॉफ को पुलिस टीम द्वारा नशा करने के दुष्प्रभावों, नशा करने के आदि लोगों को नशा मुक्ति उनके पुनर्वास के बारे में जानकारी देकर भी जागरूक किया गया तथा नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया। इन विशेष जागरुकता कार्यक्रमों के माध्यम से पुलिस टीम द्वारा पुलिस की डायल-112 व दुर्गा शक्ति एप्लिकेशन/ऐप के बारे में बताया कि डायल-112 ऐप को इंस्टॉल करके ऐप में अपनी डिटेल्स जैसे नाम, मोबाईल नंबर, पता इत्यादि एक बार अपडेट करना है। उसके बाद जब भी किसी असुरक्षित परिस्थिति में पुलिस सहायता की जरूरत हो तो डायल-112 ऐप से माध्यम से पुलिस सहायता प्राप्त कर सकती है। उस समय पीडि़ता को अपना नाम मोबाइल नंबर व पता/लोकेशन बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इंस्पेक्टर सुमन ने कहा कि पुलिस को पीडि़त का पता/लोकेशन मोबाईल नंबर इत्यादि डायल-112 ऐप के माध्यम से प्राप्त होंगे और पीडि़ता को तत्परता से पुलिस सहायता मिल सकेगी। यह ऐप पीडि़ता और पुलिस दोनों के लिए सहयोगी के रूप में कार्य करती है और यह अपराधों को रोकने में प्रभावी रूप से कार्य करती है।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर