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कानपुर,16 जुलाई (हि. स.)। शोध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित उपस्थिति अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि निरंतर संवाद, मार्गदर्शन एवं सहभागिता ही उत्कृष्ट शोध का आधार होती है। इसी दृष्टिकोण से छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने उपस्थिति नियमों को गंभीरता से लागू किया है। यह बातें बुधवार को सीएसजेएम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2024-25 की पीएचडी कोर्स वर्क की कक्षाओं का विधिवत एवं सफल संचालन शोध एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा किए जाने के दौरान कही।
कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि पीएचडी कोर्स वर्क की सत्रांत परीक्षा 14 से 17 जुलाई तक संपन्न की जा रही हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) एवं विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार, पीएचडी कोर्स वर्क के लिए प्रत्येक शोधार्थी को न्यूनतम 75 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि निर्धारित मानदंडों के तहत, विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सत्रांत परीक्षा में कुछ शोधार्थियों को अल्प उपस्थिति के कारण परीक्षा से वंचित कर दिया गया था। परीक्षा से वंचित समस्त शोधार्थियों द्वारा कोर्स वर्क के परीक्षा के दिन प्राप्त प्रार्थना पत्रों का संज्ञान लेते हुए कुलपति द्वारा गठित समिति ने छात्र हित में मानक के अनुरूप योग्य पाए गए शोधार्थियों को रेमेडियल क्लास आयोजित कराकर पुनः परीक्षा कराए जाने की संस्तुति की गई।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद