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जींद, 16 जुलाई (हि.स.)। आल प्राईवेट स्कूल संगठन के आह्वान पर बुधवार को निजी स्कूल संचालकों ने अपने स्कूलों को बंद रख शहर में प्रदर्शन किया और लघु सचिवालय पहुंच कर मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन से पहले निजी स्कूलों के प्रिंसपलों ने रोष सभा की। संगठन के नेता वजीर ढांडा ने कहा कि गत 10 जुलाई को हिसार जिला के बास गांव में स्कूल प्रिंसिपल जगबीर की चार छात्रों ने चाकू से वार करके हत्या कर दी गई थी। आज हरियाणा अपराध का गढ़ बन चुका है और अपराधियों का प्रभाव ज्यादा है। सोशल मीडिया के माध्यम से फिरौती मांगी जा रही हैं।
कुछ दिन पहले उचाना में फिरौती मांगी गई आए दिन हत्याएं हो रही है। जिसका असर आने वाली हमारी पीढ़ी पर पड़ रहा है। 11वीं और 12वीं कक्षा के बच्चों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेवार सरकार की शिक्षा प्रणाली है। जो हमारी एजुकेशन पॉलिसी है उसमें बहुत खामियां आ गई हैं। हमारी प्राचीन शिक्षा बहुत ही कारगर थी। आज इंग्लैंड की सरकारों की शिक्षा प्रणाली को हम पर थौंपा जा रहा है। अध्यापक का मान सम्मान शिक्षा प्रणाली ने छीन लिया है। उनकी सरकार से मांग है कि प्राचीन शिक्षा प्रणाली को लागू किया जाए।
टीचर की जो छड़ी थी जो बच्चे में सुधार लाती थी, उसको वापस दिया जाए ताकि उन बच्चों को पुलिस में न जाना पड़े ना ही किसी केस में उलझा ना पड़े। उन बच्चों में ऐसे संस्कार भरे जाएं ताकि वह देश का निर्माण कर सके। जिला प्रधान त्रिलोक भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा में स्कूल सेफ्टी एक्ट बने। जिसमें कोई भी अगर स्कूल के किसी कर्मचारी या स्कूल के किसी भवन को नुकसान पहुंचता है, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। पुरूषोत्तम शर्मा ने मांग की कि मृतक परिवार को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाए। इसके साथ में मृतक परिवार को सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाइ जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा