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रायपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश में लगातार बढ़ते साइबर अपराध काे लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार काे मामला गूंजा। इस पर भाजपा विधायकों ने ही प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा पर सवालों की झड़ी लगा दी। मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में प्रश्नकाल में भाजपा विधायक सुनील सोनी ने साइबर ठगी से संबंधित मुद्दा उठाया। जिस पर गृहमंत्री ने बताया कि, प्रदेश में बीते एक साल में साइबर ठगी के 1301 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं 107 पीड़ितों को राशि वापस दिलाई गई है। राजधानी रायपुर में 147 मामले दर्ज किए गए हैं।
प्रश्नकाल में भाजपा सदस्य सुनील सोनी ने कहा कि प्रदेश में सैकड़ों करोड़ की साइबर ठगी हुई है। इसके शिकार कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली है। विधायक ने कहा कि साइबर थाने में साइबर एक्सपर्ट नहीं हैं, आईपीएस रैंक के अधिकारी भी नियुक्त नहीं किए गए हैं। जिलों के थाने साइबर क्राइम रोकने क्या सक्षम है। जिस पर गृहमंत्री ने कहा कि साइबर थानों को जांच के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। सीएम के हाथों में साइबर थाने का उद्घाटन हुआ है। साइबर थाने में हाईटेक उपकरण है। साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति जल्द होगा। हर जिले में साइबर के विवेचक पदस्थ हैं। 9 जिलों में हाईटेक साइबर थाने बनाने की प्रक्रिया जारी है। वहीं सुनील सोनी ने पूछा कि क्या साइबर क्राइम में बैंक की भी संलिप्तता है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, 7 बैंक के अधिकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है। सभी पर प्राथमिकी दर्ज की गई।
सदन की चर्चा में हिस्सा लेते हुए विधायक राजेश मूणत ने कहा कि साइबर क्राइम आज सबसे बड़ा अपराध बन गया है। साइबर क्राइम रोकने के लिए आईजी स्तर के अधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए। 107 करोड़ की ठगी हुई, विभाग तीन करोड़ ही वापस दे पाया। वहीं गृहमंत्री ने कहा कि वापसी की प्रकिया कोर्ट के जरिए होती है। कोर्ट के आदेश पर पीड़ितों को राशि लौटाई जा रही है।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहाकि साइबर कमांडो के लिए कितने को प्रशिक्षण दिया गया। गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि साइबर कमांडो की ट्रेनिंग चल रही है। वहीं, इसी बीच फिर विधायक चंद्राकार ने कहा- ऐसा जवाब पिछले सत्र में भी दिया था अब तक साइबर कमांडो तैयार नहीं किए गए हैं। इसी से विभाग की गंभीरता समझ में आती है।
जवाब में गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि दिसंबर 2024 में ही नई राजधानी में 277 करोड़ की लागत से सायबर भवन बनाया गया है जहां साइबर विशेषज्ञ की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश में साइबर कमांडो का गठन भी किया गया है । प्रदेश में 5 साइबर थाने है इसके अलावा सभी जिले में साइबर सेल संचालित है। लगातार साइबर थानों में प्रशिक्षण भी चल रहा है भविष्य में प्रदेश की साइबर टीम पूरी सक्षमता से कार्य कर ऐसे अपराध को रोकने में पूरी तरह सक्षम होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा