(कैबिनेट) एनएलसीआईएल को अपने स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में निवेश की छूट
नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से विशेष छूट प्रदान की है। इस रणनीतिक निर्णय से एनएलसीआईएल अपनी पूर्ण स्वामि
(कैबिनेट) एनएलसीआईएल को अपने स्वामित्व वाली सहायक कंपनी में निवेश की छूट


नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। केन्द्र सरकार ने एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) को नवरत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) पर लागू मौजूदा निवेश दिशानिर्देशों से विशेष छूट प्रदान की है। इस रणनीतिक निर्णय से एनएलसीआईएल अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (एनआईआरएल) में 7 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर सकेगी और बदले में एनआईआरएल मौजूदा शक्तियों के प्रत्यायोजन के तहत पूर्वानुमति की आवश्यकता के बिना, सीधे या संयुक्त उद्यम बनाकर विभिन्न परियोजनाओं में निवेश कर सकेगी।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की। केन्द्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने बुधवार को राष्ट्रीय मीडिया केन्द्र में मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।

इसके तहत सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा संयुक्त उद्यमों और सहायक कंपनियों में सीपीएसई द्वारा समग्र निवेश के लिए निर्धारित 30 प्रतिशत निवल मूल्य सीमा से भी छूट दी गई है। इससे एनएलसीआईएल और एनआईआरएल को अधिक परिचालन और वित्तीय लचीलापन प्राप्त होगा।

छूट का उद्देश्य एनएलसीआईएल के 2030 तक 10.11 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता विकसित करने और 2047 तक इसे 32 गीगावाट तक विस्तारित करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का समर्थन करना है। यह अनुमोदन कॉप 26 के दौरान कम कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने और सतत विकास प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है।

उल्लेखनीय है कि देश ने ‘पंचामृत’ लक्ष्यों और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने की अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के तहत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता का निर्माण करने का संकल्प लिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा