बिजली दर में वृद्धि को लेकर विधानसभा में हुई जोरदार बहस
रायपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बिजली दर में वृद्धि को लेकर बुधवार काे जोरदार बहस हुई। विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी को लेकर सदन में विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास मह
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज बिजली दर में वृद्धि को लेकर जोरदार बहस हुई


रायपुर, 16 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बिजली दर में वृद्धि को लेकर बुधवार काे जोरदार बहस हुई। विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी को लेकर सदन में विपक्ष ने जोरदार आवाज उठाई। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया और कहा कि कहा कि बिजली दरों में हुई वृद्धि से पूरा प्रदेश परेशान है, खासकर गरीब वर्ग को आर्थिक रूप से गहरी चोट पहुंची है।डॉ. महंत ने कहा कि यह विषय राज्य के हित से जुड़ा है और विपक्ष ने जिन बिंदुओं पर चर्चा के लिए स्थान निर्धारित किया है, उस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने स्मार्ट मीटर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इन मीटरों के कारण लोगों को अत्यधिक बिल आ रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। वहीं लखेश्वर बघेल ने बस्तर में ट्रांसफार्मर लगाने में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। डॉ. महंत ने कहा कि यह विषय राज्य के हित से जुड़ा है और विपक्ष ने जिन बिंदुओं पर चर्चा के लिए स्थान निर्धारित किया है, उस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष की चिंता का जवाब देते हुए सदन में कहा कि “उपभोक्ताओं को सरकार द्वारा दी जा रही बिजली सब्सिडी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। राहत योजनाएं यथावत जारी रहेंगी। टैरिफ में केवल 1.89 प्रतिशत की मामूली वृद्धि की गई है, जो व्यापक जनसुनवाई के बाद निर्धारित हुई। उन्होंने कहा, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सिर्फ 10 से 20 पैसे की ही बढ़ोतरी हुई है। कृषि उपभोक्ताओं के विद्युत पंपों का भुगतान सरकार करती है, ऐसे में किसानों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि पंपों को 18 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति की जा रही है। कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत भी काम तेजी से चल रहा है। राज्य सरकार बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और ऊर्जा के क्षेत्र में ठोस काम हो रहा है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को अग्राह्य कर दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि “सूर्यघर योजना पर काम सिर्फ कागजों में नहीं, जमीन पर भी दिखना चाहिए।” मुख्यमंत्री के स्पष्टीकरण के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। हालांकि विपक्ष ने मुख्यमंत्री के उत्तर को सकारात्मक बताते हुए संतोष जताया। डॉ. महंत ने सरकार से आग्रह किया कि मुख्यमंत्री द्वारा कही गई बातों को यथाशीघ्र जमीन पर उतारा जाए, ताकि आम जनता को जल्द राहत मिल सके।

विपक्ष की रचनात्मक भूमिका की सराहना करते हुए सत्ता पक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को धन्यवाद दिया और कहा कि यह चर्चा ऊर्जा नीति को जनहित में और मजबूत बनाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा