फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएंगे
नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। देशभर के स्कूलों में अब ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएंगे ताकि छात्रों और शिक्षकों को खाने में तेल की अधिकता और उसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक कर फिटनेस को बढ़ावा दिया जा सके। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा
फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएंगे


नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। देशभर के स्कूलों में अब ‘ऑयल बोर्ड’ लगाए जाएंगे ताकि छात्रों और शिक्षकों को खाने में तेल की अधिकता और उसके दुष्परिणामों के बारे में जागरूक कर फिटनेस को बढ़ावा दिया जा सके।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को भेजे गए एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से यह निर्देश जारी किया गया है। पत्र में बताया गया है कि भारत में तेजी से बढ़ रही मोटापे की समस्या के चलते यह निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5, 2019-21) के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में हर पांच में से एक वयस्क व्यक्ति अधिक वजन या मोटापे का शिकार है।

साल 2025 में द लैंसेट में प्रकाशित ‘ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज’ (जीबीडी 2021) की रिपोर्ट बताती है कि भारत में 2021 में जहां 18 करोड़ वयस्क अधिक वजन या मोटापे के शिकार थे, वहीं यह संख्या 2050 तक बढ़कर 44.9 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह आंकड़ा भारत को दुनिया में मोटापे का दूसरा सबसे बड़ा बोझ झेलने वाला देश बना देगा।

शिक्षा निदेशक डॉ. प्रग्या एम. सिंह द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कई कदम उठाने का आग्रह किया गया है। स्कूलों के सार्वजनिक स्थानों जैसे कैफेटेरिया, लॉबी, मीटिंग रूम आदि में स्थैतिक या डिजिटल ‘ऑयल बोर्ड’ लगाने, जिनमें अधिक तेल सेवन के नुकसान दर्शाए जाएं। स्कूल की सभी सरकारी स्टेशनरी जैसे लेटरहेड, लिफाफे, नोटपैड आदि पर स्वास्थ्य संबंधी संदेश प्रिंट किए जाएं ताकि छात्रों और स्टाफ को मोटापे से लड़ने के लिए दैनिक प्रेरणा मिल सके।

स्कूलों की कैंटीन में स्वास्थ्यवर्धक खाद्य विकल्प जैसे फल, सब्ज़ियां, कम वसा वाले उत्पाद उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। साथ ही, शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लघु व्यायाम सत्र, सीढ़ियों के उपयोग को बढ़ावा देने और पैदल चलने के मार्ग बनाए जाने का निर्देश दिया गया है।

शिक्षा निदेशालय का कहना है कि स्कूल चाहें तो इन बोर्ड्स को छात्रों से बनवा कर अनुभवात्मक शिक्षण के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर कई वीडियो और पोस्टर उपलब्ध कराए गए हैं।

इस अभियान का उद्देश्य न केवल स्कूल परिसरों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है, बल्कि बच्चों के जीवन में प्रारंभिक अवस्था से ही संतुलित आहार और नियमित व्यायाम की आदत डालना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार