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(जन्म दिन विशेष)
नई दिल्ली, 16 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंड की राजनीति में एक सरल और सशक्त छवि के रूप में पहचान बनाने वाले अजय टम्टा आज अपना 53वां जन्मदिन मना रहे हैं। अल्मोड़ा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए टम्टा भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। उन्होंने संघर्ष और सामाजिक सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के बल पर राज्य और फिर केंद्र की राजनीति में जगह बनाई।
अजय टम्टा की पहचान न केवल एक सफल राजनेता के रूप में है, बल्कि वे सामाजिक सेवा, कला और खेलों में भी सक्रिय रुचि रखने वाले व्यक्ति हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कपड़ा मंत्रालय में राज्यमंत्री रहे टम्टा वर्तमान में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री होने के साथ-साथ संसद की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति संबंधी स्थायी समिति के सदस्य भी हैं। संसद में उनका योगदान केवल विधायी कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर भी लगातार सक्रिय रहते हैं।
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को हराकर पहली बार संसद पहुंचे अजय टम्टा ने साल 2019 और 2024 के आम चुनावों में भी भारी मतों से जीत दर्ज कर लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता को साबित कर दिया। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने 64.2% मत प्राप्त किए, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के प्रत्याशी को मात्र 29.18% वोट मिले।
वह चकाचौंध से दूर साधारण जीवन में विश्वास रखते हैं। वह राजनीति में पारदर्शिता और जवाबदेही की एक मिसाल हैं। राजनीति के साथ-साथ रंगमंच, फोटोग्राफी और पर्वतारोहण जैसे शौक के लिए भी वे समय निकालते हैं। खेलों के प्रति उनका रुझान, खासतौर पर बैडमिंटन और फुटबॉल ने उन्हें युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाया।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उत्तराखंड के धोफाड़ स्थित कृषि इंटर कॉलेज से की और 1993 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद से प्रमाणपत्र प्राप्त किया। हालांकि वे उच्च शिक्षा में आगे नहीं बढ़े, लेकिन जीवन के अनुभवों ने उन्हें व्यावहारिक राजनीति और प्रशासन में दक्ष बना दिया।
चुनावी राजनीति में टम्टा का सफर 2002 में सोमेश्वर सीट से निर्दलीय चुनाव हारने से शुरू हुआ। वर्ष 2007 और 2012 में उन्होंने इसी सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की। इसके बाद 2007 में उन्हें उत्तराखंड सरकार में राज्यमंत्री और 2008 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया। यही अनुभव उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहचान दिलाने में सहायक बना।
वर्तमान समय में वे संसद की कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य हैं, जिनमें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति और अनुसूचित जाति/जनजाति स्थायी समिति शामिल हैं। उनके प्रयास से अल्मोड़ा और आसपास के इलाकों में हस्तशिल्प, कपड़ा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा मिला है।
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हिन्दुस्थान समाचार / prashant shekhar