दानपात्रों में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, 25 पेटियों से निकले 53 लाख 99 हजार रुपए
— कड़ी सुरक्षा, कैमरों की निगरानी और तीन दिन चली गणना में खुला श्रद्धालुओं का भाव मीरजापुर, 16 जुलाई (हि.स.)। मां विंध्यवासिनी धाम में एक बार फिर श्रद्धा और आस्था ने नया कीर्तिमान रच दिया। भक्तों के समर्पण ने जब दानपात्रों के ढक्कन खुलवाए, तो उसमें
श्री पंडा समाज कार्यालय पर दानपात्रों से निकले रुपये की गिनती करते राजस्वकर्मी।


— कड़ी सुरक्षा, कैमरों की निगरानी और तीन दिन चली गणना में खुला श्रद्धालुओं का भाव

मीरजापुर, 16 जुलाई (हि.स.)। मां विंध्यवासिनी धाम में एक बार फिर श्रद्धा और आस्था ने नया कीर्तिमान रच दिया। भक्तों के समर्पण ने जब दानपात्रों के ढक्कन खुलवाए, तो उसमें से निकली राशि ने सबको चौंका दिया। कुल 25 दानपात्रों की तीन दिनों तक चली गणना में कुल 53,99,886 रुपये की राशि निकली। यह रकम भक्तों द्वारा मंदिर में अर्पित की गई थी, जिसे पूरी पारदर्शिता के साथ सीसीटीवी कैमरे और पुलिस सुरक्षा के बीच गिना गया।

यह गणना केवल मां विंध्यवासिनी मंदिर की ही नहीं थी, बल्कि इससे जुड़े तीन प्रमुख मंदिर मां अष्टभुजी, काली खोह और विंध्यवासिनी मंदिर परिसर में लगाए गए दानपात्रों की संयुक्त प्रक्रिया थी। इनमें से केवल 21 दानपात्रों को बुधवार को एसडीएम सदर अतिरिक्त आशीष कुमार त्रिपाठी की निगरानी में खोला गया, जिनसे 17 लाख 7 हजार 166 रुपये मिले। वहीं, तीनों स्थानों पर कुल 25 दानपात्रों की गिनती के बाद कुल राशि 53 लाख 99 हजार 886 रुपये आंकी गई।

दान पात्रों को खोलने का कार्य सुबह 11 बजे शुरू हुआ। प्रत्येक दान पेटिका को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी और पुलिस प्रशासन की कड़ी सुरक्षा में खोला गया। गिनती का कार्य श्री पंडा समाज कार्यालय (जो कि मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत पर स्थित है) में सम्पन्न हुआ। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित रही, ताकि किसी भी तरह की अनियमितता की संभावना न रहे। गणना की इस पूरी प्रक्रिया में प्रशासनिक अधिकारी, राजस्व विभाग के कर्मचारी, अमीन संघ से जुड़े पदाधिकारी और पंडा समाज के प्रतिनिधि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

सीधे बैंक में जमा हुआ पैसा

निकाली गई सम्पूर्ण धनराशि को अंतिम रूप से विन्ध्य विकास परिषद के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी के निर्देशानुसार भारतीय स्टेट बैंक, विन्ध्याचल शाखा के मंदिर खाते में जमा कराया गया।

भावनाओं की झलक, व्यवस्था की मिसाल

यह पूरी प्रक्रिया न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को दर्शाती है, बल्कि प्रशासनिक तत्परता और पारदर्शिता की मिसाल भी पेश करती है। विन्ध्य धाम की पावनता में जब श्रद्धा और व्यवस्था मिलती है, तब दान भी सेवा बन जाता है और जनविश्वास और गहरा हो जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा