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मंडी, 16 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिला के सराज में प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्य निरंतर जारी है। थुनाग के उपमंडलाधिकारी (ना.) रमेश कुमार ने बताया कि उप-मंडल में 30 जून और एक जुलाई, 2025 की मध्यरात्रि बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं के परिणामस्वरूप सार्वजनिक सम्पत्ति और संबंधित बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के निर्देशों के अनुरूप क्षेत्र में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को गति प्रदान की गई है।
उन्होंने बताया कि जल शक्ति मंडल थुनाग के अंतर्गत कुल 299 जलापूर्ति योजनाएं हैं, जिनमें से 241 योजनाएं इस आपदा में क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्होंने बताया कि अब तक 189 जलापूर्ति योजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है। इस मंडल के अंतर्गत 30 ग्राम पंचायतों को पूर्ण रूप से और 51 ग्राम पंचायतों को आंशिक रूप से पेयजल सुविधा प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा में उपमंडल की कुल 35 सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें से 10 सड़कें यातायात के लिए खोल दी गई हैं। इनमें मंडी-चैलचौक-जंजैहली, पंडोह-कांढा, लंबाथाच-शेटाधार और अन्य स्थानीय मार्ग शामिल हैं। इसके अतिरिक्त क्षतिग्रस्त सड़कों में से 23 स्थानीय सड़कें आंशिक रूप से खोल दी गई हैं। बगस्याड-शिकावरी और तांदी-द्रौण सड़कों को भारी नुकसान पहुंचा है और उनकी मरम्मत का काम जारी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा विभिन्न मार्गों पर मरम्मत कार्य के लिए कुल 12 एलएंडटी मशीनें, 27 जेसीबी, 9 टिप्पर, 2 एयर कंप्रेसर और 2 ट्रैक्टर तैनात किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विद्युत उप-मंडल जंजैहली में कुल 202 उपभोक्ता ट्रांसफार्मरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था, जिनमें से 162 ट्रांसफार्मर पूरी तरह से बहाल कर दिए गए हैं और शेष ट्रांसफार्मरों पर मरम्मत का कार्य जारी है। उन्होंने यह भी बताया कि छतरी क्षेत्र में सभी 78 ट्रांसफार्मर को बहाल कर दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा