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शिमला, 16 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश सरकार को एक हाइड्रो प्रोजेक्ट की रॉयल्टी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ी कानूनी जीत मिली है। सूबे के किन्नौर जिला में सतलुज नदी पर बनी कड़छम-वांगतू जलविद्युत परियोजना से हिमाचल को 12% की जगह अब 18% रॉयल्टी मिलेगी। इससे सरकार को हर साल करीब 150 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी और दूसरी पुरानी परियोजनाओं से भी मिलाकर सालाना करीब 250 करोड़ रुपए का फायदा होगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार को ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला मई 2024 में हिमाचल हाईकोर्ट के उस आदेश को रद्द करता है, जिसमें कंपनी को सिर्फ 12% रॉयल्टी देने की अनुमति दी गई थी। दरअसल वर्ष 1999 में हुए समझौते के मुताबिक इस 1045 मेगावाट की परियोजना से पहले 12 साल तक 12% रॉयल्टी और उसके बाद अगले 28 साल तक 18% रॉयल्टी देनी थी। सितंबर 2011 से कंपनी ने 12 साल तक 12% रॉयल्टी दी, लेकिन सितंबर 2023 के बाद ज्यादा रॉयल्टी देने से इनकार कर दिया। मामला हाईकोर्ट में गया, जहां कंपनी की जीत हुई। लेकिन राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।
प्रवक्ता के अनुसार सरकार ने देश के जाने-माने वकीलों कपिल सिब्बल, प्राग त्रिपाठी, महाधिवक्ता अनूप कुमार रतन और अतिरिक्त महाधिवक्ता वैभव श्रीवास्तव की मदद से पक्ष को मजबूती से रखा और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के हक में फैसला सुनाया।
सरकारी प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में सरकार लगातार प्रदेश के हितों की मजबूती से पैरवी कर रही है। इससे पहले भी सरकार ने होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल केस में भी कानूनी लड़ाई जीतकर यह ऐतिहासिक हेरिटेज प्रॉपर्टी वापस राज्य के नियंत्रण में ली है जिससे भविष्य में सरकार को अच्छा राजस्व मिलेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा