कांवड़ मार्ग की दुकानों में क्यूआर कोड लगाने के आदेश पर उप्र सरकार को नोटिस
नई दिल्ली, 15 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकान मालिकों के नाम उजागर करने वाले क्यूआर कोड दिखाने के यूपी सरकार के दिशा-निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को नोटिस
supreme court


नई दिल्ली, 15 जुलाई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकान मालिकों के नाम उजागर करने वाले क्यूआर कोड दिखाने के यूपी सरकार के दिशा-निर्देश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को करने का आदेश दिया।

याचिका प्रोफेसर अपूर्वानंद ने दायर की है। याचिका में यूपी प्रशासन की ओर से 25 जून को जारी किए गए उस दिशा-निर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें कांवड़ मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकान मालिकों का नाम उजागर करने वाले क्यूआर कोड का डिस्प्ले अनिवार्य किया गया है। याचिका में कहा गया है कि यूपी सरकार के ऐसे ही आदेश पर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद यूपी सरकार ने क्यूआर कोड अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। ऐसा करना दुकानों, ढाबा और रेस्टोरेंट संचालकों की निजता के अधिकारों का उल्लंघन है।

जुलाई, 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने दुकान मालिकों का नाम लिखे जाने के फैसले पर साफ किया था कि कांवड़ यात्रा रूट में खाने-पीने का सामान बेचने वाले दुकान मालिकों के दुकान के बाहर नाम लिखने पर रोक लगाने वाला उसका आदेश जारी रहेगा। कोर्ट ने कहा था कि कोई अपनी मर्जी से दुकान के बाहर अपना नाम लिखना चाहता है तो हमने उसे रोका नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी