जिला स्तरीय स्टॉप डायरिया अभियान की हुई शुरुआत
बेतिया, 15 जुलाई (हि.स.)। बेतिया के अम्बेडकर नगर यूपीएचसी से स्टॉप डायरिया अभियान-2025'' का शुभारंभ किया गया। अभियान को 22 सितंबर तक चलाया जाएगा ये बातें कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिले के डीसीएम राजेश कुमार ने कहीं उन्होंने कहा की डायरिया से
जिला स्तरीय स्टॉप डायरिया अभियान की हुई शुरुआत


बेतिया, 15 जुलाई (हि.स.)। बेतिया के अम्बेडकर नगर यूपीएचसी से स्टॉप डायरिया अभियान-2025' का शुभारंभ किया गया। अभियान को 22 सितंबर तक चलाया जाएगा ये बातें कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिले के डीसीएम राजेश कुमार ने कहीं

उन्होंने कहा की डायरिया से बच्चों को बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु संस्थान एवं समुदाय स्तर पर जनजागरूकता से संबंधित कई अहम गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। प्रचार हेतु जागरूकता रथ भी घूम रहा है। उन्होंने बताया की 5 वर्ष तक के बच्चों के बीच 10 लाख ओआरएस, 99 लाख जिंक की दवा वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा की डायरिया बाल मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने बताया की 17 जुलाई कों दस्त नियंत्रण पखवाड़ा एवं परिवार नियोजन पखवाड़ा पर बैठक होगी।

सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने कहा की 'स्टॉप डायरिया अभियान' ने कहा कि डायरिया एक संक्रामक बीमारी है यह बीमारी तब फैलती है जब कोई स्वस्थ व्यक्ति गंदे हाथों से भोजन करता है या संक्रमित व्यक्ति के मल में मौजूद रोगाणुओं से दूषित पानी या खाद्य पदार्थों का सेवन करता है। इसीलिए डायरिया के प्रसार को रोकने के लिए हमें खुले में शौच से परहेज एवं शौच के बाद व खाने से पहले अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना बहुत आवश्यक है। साथ ही हमें दूषित पेयजल एवं खाद्य पदार्थों के सेवन से भी परहेज करना चाहिए।

उन्होंने बताया की डायरिया पर नियंत्रण के लिए 6 माह तक शिशु को केवल स्तनपान, पर्याप्त पूरक आहार और विटामिन-ए देने की आवश्यकता है। उन्होंने रोटा वायरस के टीकाकरण को भी महत्वपूर्ण बताया, उन्होंने कहा की यदि बच्चे को डायरिया हो जाए तो जिंक-ओआरएस का प्रयोग असरकारी होता है। डायरिया के गंभीर मामलों के अस्पताल में उपचार की भी विशेष व्यवस्था होती है जहां इसके लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं। मौके पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, काउंसलर, यूनिसेफ़, पीएसआई, पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / अमानुल हक