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स्वदेशी विचार को गांव-गांव और घर-घर पहुंचाने का लें संकल्प : उप मुख्यमंत्री अरुण साव
बिलासपुर, 13 जुलाई (हि.स.)। पूरे विश्व में आर्थिक युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में भारत के पास स्वदेशी ब्रह्मास्त्र है। विश्व का सबसे बड़ा बाजार हमारे पास है। 145 करोड़ का बाजार है। आर्थिक युद्ध बाजार के आधार पर लड़े जाते हैं। भारत को स्वदेशी को ब्रह्मास्त्र हथियार के रूप में लेना चाहिए। अगर भारत स्वदेशी का ब्रह्मास्त्र चला दे तो चीन और अमेरिका घुटने पर आ जाएंगे।
यह बात आज रविवार काे स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संगठक सतीश कुमार ने कही। झूलेलाल मंगलम भवन तिफरा, बिलासपुर में स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, भारत का स्वदेशी अभियान विश्व में आर्थिक जगत में राह बनाने की ओर अग्रसर है। भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकाने ध्वस्त करने सफल सिंदूर ऑपरेशन चलाया। इसरो के सेटेलाइट ने सटीक लोकेशन से बम बरसाया। 9 आतंकी ठिकाने को तबाह किया। स्वदेशी ब्रह्मास्त्र, पिनाका, अग्नि मिसाइल ने दुश्मन को चुन चुन कर मारा। जिसकी विश्व भर में चर्चा हो रही है।
हम स्वदेशी हथियार से एक साथ चीन और तुर्की को भी मात दे सकते हैं। स्वदेशी हथियारों की क्षमता ने सारी दुनिया में भारत को प्रतिष्ठित किया है। अब चीन को भी भारत के बारे में रूख बदलना होगा। अगर भारत को विश्व विजेता बनना है तो स्वदेशी हत्यारों के अलावा घरेलू वस्तुओं में भी स्वदेशी अपनाना होगा। हमारे जवानों ने सरहद में अपन कर्तव्य निभाया, लेकिन अब 140 करोड़ नागरिकों को भी स्वदेशी अपनाकर अपना कर्तव्य निभाना होगा। उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान की आर्थिक एवं आंतरिक हालत ऐसी है कि, पलटकर हमले करने की हिम्मत नहीं थी, चीन और तुर्की ने युद्ध में मदद की। भारत ने कई फ्रंट पर युद्ध लड़ा है। यह तो पहला युद्ध है। चीन भारत के साथ दूसरा आर्थिक युद्ध लड़ रहा है।
उन्होंने पूछा कि, चीन को आगे कौन बढ़ा रहा है। हम भारतीय बढ़ा रहे हैं। वह दूसरे नंबर का हमारा व्यापारिक सहयोगी है। पहला अमेरिका है। चीन के साथ भारत का आयात निर्यात में बहुत फर्क है। आर्थिक युद्ध के नाते चीन हमसे व्यापार कर रहा है। हम भारतीय अपने ऊपर हथियार चलाने चीन को अरबों रुपए दे रहे हैं। बाजार में हम नहीं पूछते कि ये सामान चीन का तो नहीं है।
स्वदेशी जागरण मंच के सतीश ने कहा कि, सिंदूर ऑपरेशन जैसा अगला युद्ध अब जनता को लड़ना है। उन्होंने कहा कि, चीन और अमेरिका आर्थिक युद्ध के रूप में व्यापार को लेते हैं। पिछले 6 महीने से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सूर बदल गए हैं। ट्रेड वार जैसे शब्दावली अमेरिका राष्ट्रपति उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, अभी अमेरिका का आर्थिक युद्ध में हथियार टैरिफ है। जबकि चीन का हथियार लो कास्ट मैन्युफैक्चरिंग है। वहीं भारत को स्वदेशी को ब्रह्मास्त्र हथियार के रूप में लेना है। उन्होंने कहा कि, पूरे विश्व में आर्थिक युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में भारत के पास स्वदेशी ब्रह्मास्त्र है। विश्व का सबसे बड़ा बाजार हमारे पास है। 145 करोड़ का बाजार है। आर्थिक युद्ध बाजार के आधार पर लड़े जाते हैं। भारती स्वदेशी ब्रह्मास्त्र चला दे तो चीन और अमेरिका घुटने पर आ जाएंगे। उन्होंने जापान का उदाहरण दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / गेवेन्द्र प्रसाद पटेल