सिवनीः अश्लील तस्वीरें, ब्लैकमेलिंग और पैसों का लालच बना हत्या का कारण
Obscene pictures, blackmailing and greed for money became the reason for murder
Seoni: Obscene pictures, blackmailing and greed for money became the reason for murder


सिवनी, 13 जुलाई (हि.स.)। सिवनी पुलिस ने बहुचर्चित पवन उर्फ सोनू पाराशर हत्याकांड का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी घनश्याम प्रजापत सहित दो नाबालिग सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन्हें रविवार को जिला न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से आरोपित धनश्याम को जेल भेज दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पूरे मामले की परतें खोलीं और बताया कि अश्लील तस्वीरों को लेकर ब्लैकमेलिंग और पैसों का लालच ही इस जघन्य हत्या का मुख्य कारण बना।

गुमशुदगी से हत्याकांड तक का सफर

पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि 09 जुलाई 2025 की शाम करीब 8 बजे के बाद से पवन पाराशर उर्फ सोनू (निवासी शास्त्री वार्ड, बारापत्थर, सिवनी) संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। परिजनों द्वारा लगातार तलाश के बावजूद जब उनका कोई पता नहीं चला, तो 10 जुलाई 2025 को थाना कोतवाली सिवनी में गुम इंसान क्रमांक 85/2025 दर्ज किया गया।

कोतवाली पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए पतासाजी शुरू की, जिसके दौरान गुम इंसान के घर से मानेगांव रोड पर लगभग 500 मीटर दूर झाड़ियों में उनकी स्कूटी मिली। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए डूंडासिवनी और कोतवाली पुलिस को संयुक्त रूप से पतासाजी और तकनीकी सहायता लेने के निर्देश दिए।

शव की बरामदगी और हत्या का खुलासा

12 जुलाई 2025 को एक महत्वपूर्ण सूचना मिली कि मानेगांव में रोड से लगभग 50 मीटर दूर एक गड्ढे में, जिसमें पानी भरा था, कुछ पत्थर से दबा हुआ प्रतीत हो रहा था और वहां से बुलबुले भी निकल रहे थे। कोतवाली और डूंडासिवनी पुलिस ने तुरंत सी.एस.पी. श्रीमती पूजा पाण्डेय के मार्गदर्शन में मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। संदिग्ध स्थिति को देखते हुए, गुम इंसान के परिजनों की मौजूदगी में गड्ढे से पानी खाली कराया गया। गड्ढे में एक व्यक्ति का शव उल्टा लेटा हुआ मिला, जिसकी कमर में तार से पत्थर बांधकर ऊपर रखे गए थे। पत्थरों को हटाने पर शव की पहचान पवन पाराशर उर्फ सोनू के रूप में हुई। घटनास्थल का मुआयना और शव को देखने से स्पष्ट हुआ कि यह एक हत्या का मामला है।

साजिश और गिरफ्तारी

घटना की सूचना तत्काल पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता को दी गई, जिन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की पतासाजी और हत्या का खुलासा करने हेतु निर्देशित किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक मिश्रा के मार्गदर्शन में डूंडासिवनी और कोतवाली की संयुक्त टीम गठित की गई।

आरोपितो की पतासाजी के लिए मृतक पवन पाराशर के साथ उठने-बैठने वाले लोगों और अन्य साथियों से कड़ाई से पूछताछ की गई और तकनीकी सहायता भी ली गई। इसी आधार पर मानेगांव से तीन लड़कों को संदेह के आधार पर हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिन्होंने हत्या में शामिल होना स्वीकार किया।

सख्ती से पूछताछ में खुलासा हुआ कि घनश्याम प्रजापति का अपने साथी नाबालिग किशोर के साथ सोनू पाराशर के यहां आना-जाना लगा रहता था। नाबालिग किशोर (निवासी मानेगांव) ने घनश्याम को बताया कि पवन उर्फ सोनू पाराशर के मोबाइल में उसकी कुछ अश्लील तस्वीरें थीं, जिसे लेकर पवन उसे परेशान कर रहा था। साथ ही, घनश्याम को यह भी पता था कि पवन पाराशर के पास अक्सर जेब में पैसे रहते थे। घनश्याम को घर का किराया चुकाने और ऑनलाइन गेम खेलने के लिए पैसों की आवश्यकता थी, जिससे दोनों ने मिलकर 09 जुलाई 2025 की शाम को ही पवन पाराशर को मारने की योजना बना ली। इस काम के लिए उन्हें एक हथियार की जरूरत थी, जो एक अन्य नाबालिग किशोर द्वारा एक लोहे का चाकू उपलब्ध कराया गया।

हत्या की पूरी दास्तान

योजना के तहत, चूंकि नाबालिग किशोर के यहां पवन पाराशर का आना-जाना रहता था और उस समय घर में कोई नहीं था, इसलिए उन्होंने पवन को वहीं बुलाने की योजना बनाई। दिनांक 09 जुलाई 2025 को रात्रि करीब 09 बजे नाबालिग किशोर ने पवन पाराशर को बुलाया। जैसे ही पवन पाराशर पलंग पर बैठे, उनके दाएं-बाएं नाबालिग किशोर और घनश्याम प्रजापति बैठे हुए थे। बीच में पवन पाराशर बैठे थे। घनश्याम प्रजापति ने पवन पाराशर की गर्दन पर लोहे के धारदार चाकू से एक प्राणघातक हमला किया, जिससे पवन पाराशर जमीन पर गिर गए। उनके मरने तक लगातार 08-10 बार गर्दन, सिर और कंधे पर पीछे की तरफ वार किए गए।

शव को छिपाने की नियत से, आरोपितो ने उसे घर के पीछे एक गड्ढे में, जिसमें पानी भरा हुआ था, ले जाकर पत्थर से दबा दिया ताकि कोई देख न सके। घर में फैले खून को प्लास्टिक की बोतल में भरकर मानेगांव रोड के किनारे झाड़ियों में फेंक दिया गया। मृतक की स्कूटी और स्कूटी की चाबी भी झाड़ियों में छिपा दी गई थी।

लूट और आगे की कोशिश

मृतक की जेब से लगभग 7000 रुपये मिले थे, जिससे घनश्याम ने अपने मकान मालिक को किराये का भुगतान किया। नाबालिग किशोर (निवासी मानेगांव) को यह भी जानकारी थी कि मृतक के घर में कुछ पैसे की गड्डी रखी रहती है। इस पैसे को हासिल करने के लालच में, घटना के बाद आरोपी घनश्याम प्रजापति पैदल जाकर मृतक के घर का ताला खोलने का प्रयास किया, लेकिन ताला नहीं खुला।

पुलिस ने इस घटनाक्रम में घनश्याम उर्फ नवीन (19) पुत्र मदनपाल प्रजापति (आर्य) निवासी ग्राम लुग्मा, थाना बंदोल (किराए से मानेगांव चौक, सिवनी में रहता था), स्थायी निवासी ग्राम भामहाका, थाना टप्पूड़ा, जिला अलवर (राजस्थान) एवं विधि उल्लंघनकारी बालक ,02 (नाबालिग) को जिला न्यायालय के समक्ष किया गया जहां से आरेापित धनश्याम को जेल भेज दिया गया है। वही अन्य विधि उल्लंघनकारी 02 बालक को सुधारालय भेजा है।

हिन्दुस्थान समाचार / रवि सनोदिया