हिसार:शिक्षकों को नवाचार व उद्यमिता में दक्ष बनाना जीजेयू का उद्देश्य :बिश्नोई
एमआईसी-एआईसीटीई द्वारा आयोजित नवाचार एवं उद्यमिता पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का पोस्टर रिलीजहिसार, 12 जुलाई (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की नवाचार इकाई एमओईज
एफडीपी प्रोग्राम का पोस्टर जारी करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।


एमआईसी-एआईसीटीई द्वारा आयोजित नवाचार एवं उद्यमिता पर पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का पोस्टर रिलीजहिसार, 12 जुलाई (हि.स.)। यहां के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की नवाचार इकाई एमओईज इनोवेशन सेल एवं एआईसीटीई द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित ‘फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम ऑन इनोवेशन एंड इंटर एंटरप्रेन्योरशिप’ का पोस्टर जारी किया गया। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने यह पोस्टर जारी किया। यह कार्यशाला हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस द्वारा होस्ट की जा रही है और इसका आयोजन 22 से 26 जुलाई तक ऑफलाइन मोड में किया जाएगा।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शनिवारकाे कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को नवाचार और उद्यमिता के क्षेत्र में दक्ष बनाना है ताकि वे अपने संस्थानों में छात्र नवाचार परियोजनाओं, स्टार्टअप आइडियाज और उद्यमशील गतिविधियों को मार्गदर्शन प्रदान कर सकें। प्रतिभागियों को इस कार्यक्रम के माध्यम से नवीनतम सिद्धांतों, उपकरणों और रणनीतियों से परिचित कराया जाएगा, जिससे वे छात्रों को विचारों को व्यावसायिक रूप देने की प्रक्रिया में सक्षम बना सकें।प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि नवाचार और उद्यमशीलता को शिक्षा के साथ एकीकृत करना आज के समय की अनिवार्यता है। यह कार्यशाला शिक्षकों को छात्रों के नवाचार प्रयासों को दिशा देने, उन्हें वास्तविक बाजार की समझ प्रदान करने और उन्हें स्टार्टअप की ओर प्रेरित करने के लिए तैयार करेगी। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को फाइनेंस फॉर स्टार्टअप्स, कस्टमर डिस्कवरी, बिजनेस मॉडल कैनवास, वैल्यू प्रपोजीशन, आईपीआर, गो टू मार्केट स्ट्रेटेजी और एक्शन प्लान डेवलपमेंट जैसे महत्वपूर्ण और प्रासंगिक विषयों पर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।एचएसबी के निदेशक प्रो. विनोद कुमार बिश्नोई ने बताया कि, यह कार्यशाला ‘इनोवेशन एजुकेटर्स’ और ‘मेंटर्स’ के रूप में शिक्षकों को तैयार करेगी। यह प्रशिक्षण पूर्णत: इंटरेक्टिव और अनुभव-आधारित होगा जिसमें ‘लर्निंग बाय डुइंग’ पद्धति का अनुसरण किया जाएगा।एचएसबी के डीन प्रो. कर्मपाल नरवाल ने कहा कि यह प्रोग्राम शिक्षकों के ज्ञान क्षितिज को व्यापक बनाएगा और उन्हें एक ऐसे नवाचार-संवर्धक वातावरण की रचना करने में मदद करेगा, जो छात्रों के विचारों को स्टार्टअप्स में परिवर्तित कर सके।कार्यक्रम की संयोजक प्रो. सुनीता रानी ने जानकारी दी कि कार्यशाला में हरियाणा के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों से 50 से अधिक शिक्षकों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है, जो बीबीए, बीसीए और बीएमसी जैसे पाठ्यक्रमों के शिक्षण में संलग्न हैं और अपने संस्थानों में नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं। सह-संयोजक डॉ. मणि श्रेष्ठ ने कहा कि केवल शिक्षकों को नवीनतम व्यवसायिक नवाचार मॉडल्स और टूल्स से अवगत कराएगा, बल्कि उन्हें नेटवर्किंग, स्टार्टअप मेंटरिंग और छात्रों के विचारों को व्यावसायिक कार्ययोजनाओं में रूपांतरित करने की क्षमता भी प्रदान करेगा।प्रतिभागियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने पर प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला के लिए पंजीकरण नि:शुल्क है, लेकिन सीमित सीटों के कारण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर ही चयन किया जाएगा। इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का संपूर्ण आयोजन हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस, जीजेयू, हिसार परिसर में किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर