राज्‍य के 12 वीं के छात्र अपने महाविद्यालयों में ही कर सकेंगे पढाई
पूर्वी सिंहभूम, 12 जुलाई (हि.स.)। नई शिक्षा नीति लागू करने की प्रक्रिया में झारखंड के हजारों 12वीं के विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय के हस्तक्षेप के बाद राजभवन ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए स्पष्ट कि
विधायक सरयू राय से शिक्षक और छात्रों ने अभार जताया


पूर्वी सिंहभूम, 12 जुलाई (हि.स.)। नई शिक्षा नीति लागू करने की प्रक्रिया में झारखंड के हजारों 12वीं के विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय के हस्तक्षेप के बाद राजभवन ने अपने पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया है कि 12वीं के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई उन्हीं महाविद्यालयों में पूरी कर सकेंगे जहां अभी वे पढ़ रहे हैं। इस फैसले से छात्रों और शिक्षकों ने राहत की सांस ली है।

विधायक सरयू राय ने शनिवार को जारी नए आदेश का स्वागत करते हुए राज्यपाल और स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का आभार जताया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बिना तैयारी के नई शिक्षा नीति लागू कर दी थी। इससे छात्रों, शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को परेशानी हो रही थी। राय ने एक सप्ताह पूर्व राज्यपाल के प्रधान सचिव, स्कूली शिक्षा सचिव, उच्च शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव से फोन पर विस्तार से बात कर समस्याओं से अवगत कराया था। सभी ने छात्रों की कठिनाई को गंभीरता से लिया और सहमति दी कि राज्य सरकार का प्रस्ताव मिलने पर राजभवन संशोधन करेगा।

इसके बाद राय ने मंत्री रामदास सोरेन से बात की। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार जल्द संशोधन प्रस्ताव भेजेगी और राय से बातचीत सार्वजनिक न करने का अनुरोध किया। राय ने मंत्री के प्रति आभार जताया। अंततः शिक्षा मंत्री के प्रयास से राजभवन ने आदेश में संशोधन किया।

शनिवार देर शाम शिक्षकों और छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने राय से मिलकर धन्यवाद जताया। प्रतिनिधिमंडल में नवनीत सिंह, राजीव दुबे, अनिमेष बख्शी, उपेंद्र राणा, इशरत रसूल, ज्योति प्रभा समेत दर्जनों लोग शामिल थे।

राय ने कहा कि छात्रों की समस्या तो हल हुई, लेकिन शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की समस्या बरकरार है। वे सरकार और राजभवन से वार्ता कर जल्द समाधान का प्रयास करेंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार इंटर कॉलेजों की स्थापना महाविद्यालय परिसरों में ही करे ताकि नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन व्यवहारिक रूप से संभव हो सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक