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झाबुआ, 12 जुलाई (हि.स.)। जिले के थान्दला में भक्त श्री मलुकदास रामायण मंडल द्वारा पिछले छः दशक से श्रावण मास में अनवरत रूप से किए जा रहे तीस दिवसीय श्री रामचरितमानस पाठ की शुरुआत जय जय सियाराम के मंगलमय उद्घोष से हुई। रामायण पाठ शुक्रवार मध्यरात्रि तक जारी रहा। अनुष्ठान के पहले दिन भक्त मलुकदासजी महाराज द्वारा निर्मित श्रीराम मंदिर में सुंदरकांड पाठ किया गया, जबकि अनुष्ठान के एक दिन पहले नर नारायण मंदिर श्री शांति आश्रम में सुंदरकांड का पाठ किया गया। श्रावण मास में जिले में परंपरागत रूप से आयोजित किए जाने वाले धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में यह एक विशिष्ठ आयोजन है, जिसमें रामायण मंडल के सदस्य घर घर जाकर श्री रामचरितमानस का संगीतमय पाठ करते हैं। तीस दिवसीय अनुष्ठान के समापन पर भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर हवन एवं पूजा के साथ अनुष्ठान की पूर्णाहुति होगी, समापन के अवसर पर महाप्रसादी का भी आयोजन होगा।
उल्लेखनीय है कि जिले के थान्दला में भक्त श्री मलुकदास रामायण मंडल द्वारा छः दशक से भी अधिक समय से श्रावण मास में आयोजित किया जाने वाला घर घर रामायण पाठ का तीस दिवसीय अनुष्ठान, जिले के विभिन्न स्थानों पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में विशिष्ठ स्थान रखता है। छः दशक पूर्व कन्हैयालाल शर्मा द्वारा भगवद्भक्ति के निमित्त एवं मानस प्रचार के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भक्त श्री मलुकदास रामायण मंडल नामक इस धार्मिक संस्था की स्थापना की गई थी, जिसने धर्म जागरण के क्षैत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है।
संरक्षक, भक्त श्री मलुकदास रामायण मंडल थांदला किशोर आचार्य एवं संस्थापक अध्यक्ष युवा रामायण मंडल, थांदला, ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि मंडल के मुख्य उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए संस्था के सदस्यों द्वारा पिछले इकसठ वर्षौं से अनवरत रूप से श्रावण मास में नगर में घर घर जाकर मानस पाठ किया जाता रहा है मंडल ने इस वर्ष बासठवें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। श्रावण कृष्ण प्रतिपदा तिथि से आरंभ किए जाने वाले उक्त अनुष्ठान के एक दिवस पूर्व आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर परंपरागत रूप से नगर के नर नारायण मंदिर श्री शांति आश्रम में सुंदरकांड पाठ किया जाता है, और उक्त अनुष्ठान के प्रथम दिन भक्त श्री मलुकदासजी महाराज द्वारा निर्मित श्रीराम मंदिर में श्रीरामचरितमानस पाठ के साथ अनुष्ठान का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया जाता है। तीस दिवसीय अनुष्ठान का समापन भादौ कृष्ण प्रतिपदा तिथि पर भगवान् श्री सीताराम सहित हनुमानजी महाराज की पूजा एवं हवन के साथ होता है। समापन समारोह अंतर्गत श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में महाप्रसादी का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में प्रभु प्रेमी भक्त गण प्रसादी लाभ लेते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. उमेश चंद्र शर्मा