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श्री बड़ी काली जी मंदिर लखनऊ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्रः रक्षा मंत्री
लखनऊ, 12 जुलाई (हि.स.)। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ में कई कार्यक्रमों में शामिल हुए। राजनाथ सिंह मध्य विधानसभा क्षेत्र के मध्य मंडल चार में आयोजित प्रबुद्धजन संवाद कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। इसके बाद काली जी मंदिर में नवनिर्मित भवन के लोकार्पण के अवसर पर राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सेनाओं पर मां काली की विशेष कृपा रही है। अभी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी भारतीय सेनाओं ने अद्भुत शौर्य, वीरता और पराक्रम का परिचय देते हुए पाकिस्तान की धरती पर मौजूद आतंकी ठिकानों को तहस-नहस करने में सफलता हासिल की। इस ऑपरेशन में महिला सैनिकों और पायलटों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और मां काली के एक स्वरूप से दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए।
उन्होंने कहा कि श्री बड़ी काली जी मंदिर लखनऊ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। जब लखनऊ, भी नहीं था तब भी यह मंदिर था और आज जब लखनऊ एक स्वरूप ले रहा है, तब भी यह मंदिर हम सबकी प्रेरणा शक्ति के रूप में मौजूद है। उन्होंने कहा कि लखनऊ में यह महाकाली मंदिर भी और भव्य एवं दिव्य स्वरूप ले, इसके लिए भी हम लोगों को मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए। आपके सामने एक नहीं अनेक उदाहरण है। काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल कॉरिडोर, सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण और अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण हमारे इसी मिशन का परिणाम है। लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा हुआ नहीं। आजादी के बाद सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण तक का विरोध किया गया था और ये सोच दशकों तक देश पर हावी रही। इसका नतीजा ये हुआ कि देश, हीनभावना के गर्त में चला गया, अपनी विरासत पर गर्व करना भूल गया।
आज़ादी के बाद सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर हम अपनी सांस्कृतिक पहचान को सम्मान देते, तो देश के भीतर एकजुटता और आत्मसम्मान का भाव मजबूत होता। गुलामी के कालखंड में जिन अत्याचारियों ने भारत को कमजोर करने के प्रयास किए, उन्होंने सबसे पहले हमारे इन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक प्रतीकों और केंद्रों को ही निशाना बनाया था। आज़ादी के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था।
रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय सेना की जिस रेजिमेंट में कैप्टन मनोज पांडेय अपने सेवायें देते थे उसका नाम है, गुरखा राइफल्स। उस रेजिमेंट का जयघोष है, जय महाकाली, आयो गुरखाली। उन्होंने कहा कि इस साल कारगिल युद्ध की 26 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस मौके पर हमें कैप्टन मनोज पांडेय समेत सभी वीरों को याद करना चाहिए जिन्होंने मां भारती के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है। हमने प्रगति के प्रतिमान गढ़े हैं, समृद्धि के सोपान तय किए हैं। भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की। उसका दिव्य स्वरूप ही भारत की समृद्ध संस्कृति में दिखाई देता है।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह, पूर्व मंत्री डा. महेन्द्र सिंह, एमएलसी मुकेश शर्मा, एमएलसी रामचन्द्र प्रधान और महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन