Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
रांची, 12 जुलाई (हि.स.)। असम विधानसभा की सरकारी उपक्रमों से संबंधित समिति के सभापति रमेंद्र नारायण कलिटा और सदस्य सिबामोनी बोरा ने शनिवार को झारखंड के ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति की सराहना की। उन्होंने झारखंड को ऊर्जा आत्मनिर्भरता के करीब बताया।
समिति के सभापति रमेंद्र नारायण कलीटा और सदस्य सिबामोनी बोरा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल), झारखंड ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड (जेयूयूएनएल) और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के संयुक्त तत्वावधान में पतरातू स्थित पीवीयूएन (पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड) प्लांट का दौरा किया। साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने समीक्षा बैठक में भाग लिया।
पतरातू डैम परिसर स्थित सरोवर विहार में हुई इस बैठक में समिति को झारखंड में बिजली उत्पादन, संचरण और वितरण प्रणाली की विस्तृत जानकारी दी गई। बैठक के दौरान झारखंड सरकार की 200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना की सराहना करते हुए सभापति कलीटा ने कहा कि झारखंड बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के नजदीक है। यहां उत्पादन और वितरण के बीच का अंतर तेजी से कम हो रहा है।
बैठक में सोलर एनर्जी और हाइडल प्रोजेक्ट्स की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल ने पीवीयूएन थर्मल पावर प्लांट और पतरातू ग्रिड स्टेशन का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर पीवीयूएन के सीईओ अशोक कुमार सहगल ने बताया कि एनटीपीसी और झारखंड सरकार के संयुक्त उपक्रम के रूप में पीवीयूएन जल्द ही 800 मेगावाट बिजली उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में अग्रसर है। जानकारी के अनुसार असम विधानसभा समिति रविवार को रांची से देवघर के लिए रवाना होगी।
बैठक में झारखंड ऊर्जा विभाग के संयुक्त सचिव मोहम्मद मुस्तकीम अंसारी, कार्यकारी निदेशक शिव शंकर प्रसाद सिंह, ईडी प्रोजेक्ट सुधीर कुमार सिंह, महाप्रबंधक राजलाल पासवान, उप महाप्रबंधक प्रवीन राम, वरीय प्रबंधक संजय कुमार सिंह, राकेश पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar